रांंची. हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचइसी) के सीएमडी अभिजीत घोष ने कंपनी के निजीकरण की खबरों को निराधार बताया है. सीएमडी ने कहा है कि इस संबंध में सरकार की ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने घाटे से उबरने के लिए शार्ट टर्म मैन्यूफैक्चरिंग करने और मार्केंटिग स्ट्रैटजी बदलने की बात कही है.
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सीएमडी ने कहा कि कई मशीनें 60 साल से भी अधिक पुरानी हो चुकी हैं, बावजूद मरम्मत के बाद उसका उपयोग किया जा रहा है. बाहर से आने वाले लोगों को यह देखकर आश्चर्य होता है कि इतने सालों के बाद भी ये मशीनें कैसे काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पुराने मशीनरी को बदलने की जरूरत है. पुराने मशीनों पर काम करने की वजह से उत्पादन लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सका है, वहीं लागत भी अधिक आ रही है. इस वजह से कंपनी घाटे में चल रही है.
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सीएमडी ने मार्केटिंग स्ट्रैटजी में बदलाव करने की बात करते हुए कहा कि पहले हम स्टील और माइनिंग सेक्टर में उपकरणों को बनाकर सप्लाई करते थे. यह लौंग साइकल प्रोडक्ट होता था. अब हम शार्ट साइकल प्रॉडक्ट की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इसमें हमें ज्यादा मार्जिन मिलेगा. सीएमडी ने सभी कर्मचारी यूनियन को आश्वस्त किया है कि जल्द ही घाटे को कम कर लिया जाएगा.