नई दिल्ली. पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चल रहे Water Sharing Dispute में पंजाब सरकार को बड़ा झटका लगा है। Punjab and Haryana High Court ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें पंजाब सरकार ने 6 मई 2025 को दिए गए आदेश को रद्द करने या उसमें संशोधन की मांग की थी। इस आदेश में पंजाब को निर्देश दिया गया था कि वह केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के 2 मई के निर्णय के अनुसार हरियाणा को 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराए।
क्या है पूरा मामला?
इस Water Crisis के केंद्र में Bhakra Beas Management Board (BBMB) है, जिसके water release mechanism को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनाव बना हुआ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की बैठक में जो फैसला लिया गया था, वह Emergency Water Allocation के तहत था ताकि हरियाणा में लाखों लोगों को जल संकट से राहत दी जा सके।
पंजाब सरकार ने अदालत में दावा किया कि केंद्र, हरियाणा और BBMB ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया, जिनके आधार पर High Court ने 6 मई को आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट ने Punjab के इन तर्कों को ठोस आधार न मानते हुए खारिज कर दिया।
Court का स्पष्ट रुख
Chief Justice शील नागु और Justice सुमीत गोयल की Division Bench ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि Punjab Reorganisation Act को Article 262 (1) से जोड़ा जा सकता है, यह पंजाब सरकार की याचिका को वैध नहीं बनाता, जब तक कि यह सिद्ध न किया जाए कि आदेश से कोई गंभीर नुकसान हुआ है — जो इस मामले में साबित नहीं हो पाया।
Punjab के तर्क हुए खारिज
पंजाब ने यह भी दावा किया कि हरियाणा द्वारा भेजे गए 29 अप्रैल के पत्र को कोर्ट के सामने पेश नहीं किया गया, जो कि महत्वपूर्ण साक्ष्य था। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि वह पत्र BBMB की तकनीकी समिति की सिफारिशों से जुड़ा था, न कि किसी औपचारिक Water Dispute Reference से।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर पंजाब को आदेश से कोई आपत्ति है, तो वह Center के सामने Rule 7 के तहत अपने आपत्तियों को रख सकता है।
High Court की चेतावनी
कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि अगर पंजाब सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया, तो Chief Secretary और DGP पर Contempt of Court की कार्रवाई हो सकती है। दरअसल, आदेश के बावजूद पंजाब सरकार ने हरियाणा को पानी नहीं छोड़ा, जो कि अदालत की अवमानना के दायरे में आता है।
Punjab-Haryana Water Dispute: क्यों फिर से बढ़ा तनाव?
- Water Sharing Agreement को लेकर Punjab और Haryana के बीच विवाद दशकों पुराना है।
- पंजाब का कहना है कि उनके पास अतिरिक्त पानी नहीं है और वह हरियाणा को एक बूंद भी नहीं दे सकते।
- हरियाणा ने Punjab पर Water Agreement के उल्लंघन का आरोप लगाया है और कहा है कि इससे राज्य में Water Crisis और बढ़ सकता है।
- Punjab ने BBMB के खिलाफ विरोध करते हुए Nangal Dam पर पुलिस तैनात कर दी, जिसे Haryana और BBMB ने गैरकानूनी करार दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में पंजाब द्वारा किए गए Water Agreement रद्द करने को unconstitutional बताया था और SYL Canal के निर्माण का आदेश दिया था, लेकिन पंजाब ने अब तक इस पर अमल नहीं किया है।
- अब हाईकोर्ट के ताजा आदेश ने Punjab को पानी देने का निर्देश देकर Water Politics को और गर्मा दिया है।