शिमला. लंबे इंतजार के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कैबिनेट सदस्यों के बीच बुधवार को विभागों का आवंटन कर दिया है.
सुक्खू मंत्रिमंडल के पांच चेहरे जो पहली बार बने मंत्री
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है. सुक्खू कैबिनेट में पांच ऐसे सदस्य हैं, जो पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. इनमें हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह पहली बार मंत्री बने हैं.
नए मंत्री संभालेंगे ये विभाग-

वरिष्ठ मंत्री धनीराम शांडिल को स्वास्थ्य मंत्रालय
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉ. धनीराम शांडिल को स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय दिया है.
हर्षवर्धन को मिला उद्योग विभाग
जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हर्षवर्धन चौहान को उद्योग, संसदीय कार्य मंत्री और आयुष मंत्रालय का मुखिया बनाया गया है.
चंद्र कुमार को कृषि और पशुपालन का जिम्मा
चंद्र कुमार को कृषि एवं पशुपालन महकमे का जिम्मा सौंपा गया है.
जगत सिंह नेगी को राजस्व और जनजातीय विकास का जिम्मा
जनजातीय जिला किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी को राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास मंत्री बनाया गया है.
रोहित ठाकुर को हिमाचल के शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी
पूर्व मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर के पोते और हिमाचल कांग्रेस के कद्दावर नेता रोहित ठाकुर को हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है. खास बात ये है कि रोहित ठाकुर पहली बार कैबिनेट मंत्री बने हैं. रोहित ठाकुर उच्च शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और वोकेशनल एंड इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग विभाग का जिम्मा संभालेंगे.

विक्रमादित्य सिंह को लोक निर्माण विभाग का जिम्मा
पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लोक निर्माण विभाग और युवा सेवा एवं खेल मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है.
अनिरुद्ध सिंह को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग
अनिरुद्ध सिंह को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग का जिम्मा सौंपा गया है. अनिरुद्ध सिंह ग्रामीण विकास और पंचायती राज का कामकाज देखेंगे.
खुद के पास महकमे रख सीपीएस को मजबूत करेंगे- CM सुक्खू
जिन महकमों का मुख्यमंत्री ने बंटवारा नहीं किया है. उन्हें खुद के साथ अटैच कर मुख्य संसदीय सचिवों को सौंपने की तैयारी है. वन, पर्यटन, शहरी विकास, नगर नियोजन और आईटी जैसे विभाग अभी तक की सरकारों में मंत्रियों को सौंपे जाते रहे हैं. मुख्यमंत्री सुक्खू इन विभागों का जिम्मा अपने पास रख कर मुख्य संसदीय सचिवों की भूमिका को भी मजबूत बना रहे हैं. आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री खुद के साथ मुख्य संसदीय सचिवों को अटैच कर इन विभागों का स्वतंत्र प्रभार दे सकते हैं.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उन्हें जल शक्ति, परिवहन और भाषा एवं कला और संस्कृति विभाग सौंपा गया था.