शिमला: हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को 19 कॉलेज और 1 अप्रैल 2022 के बाद अपग्रेड किए गए 286 मिडिल, हाई और सेकेंडरी स्कूल डिनोटिफाई कर दिए हैं. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने इन संस्थानों को डिनोटिफाई किया.
सरकार ने जीरो या कम स्टूडेंट वाले कॉलेजों पर ताला जड़ दिया है. इनका स्टाफ दूसरे कालेजों के लिए शिफ्ट कर दिया गया है. इसी तरह अपग्रेडेड स्कूलों से भी स्टाफ हटाकर दूसरी जगह एडजस्ट किया गया. डिनोटिफाई किए गए स्कूल व कालेज पूर्व जयराम सरकार ने चुनाव से कुछ महीने पहले खोले या अपग्रेड किए थे. बंद किए गए कालेज में एक संस्कृत कालेज भी शामिल है.

12 दिसंबर को कांग्रेस ने लिया था बंद करने का निर्णय
सुक्खू सरकार ने 12 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की पहली ही मीटिंग में पूर्व सरकार द्वारा अप्रैल 2022 के बाद खोले गए सभी दफ्तर बंद करने का निर्णय लिया था. इसके बाद एजुकेशन इंस्टीटयूशन को छोड़कर 620 से ज्यादा दफ्तरों पर दिसंबर और जनवरी में ताला जड़ दिया था, लेकिन शिक्षण संस्थानों को लेकर शिक्षा विभाग से पहले रिपोर्ट तलब की गई. इस रिपोर्ट के आधार पर सुक्खू सरकार ने अब कार्रवाई की है.
ये कालेज किए गए बंद
बंद किए गए कालेज में बिलासपुर के स्वारघाट और बल्हसीना में 20-20 छात्र पंजीकृत थे. चंबा के मसरूंड में 28 छात्र, हमीरपुर के गेलोर में 10 छात्र व लमड़ू में जीरो (0), कांगड़ा के ब्रांडा कालेज में 6, कोटला में 1 छात्र, रिरकमर में 61 और चड़ियार में 12 छात्र पंजीकृत थे.
इसी तरह पूर्व CM के गृह जिले मंडी में पांगणा कालेज में जीरो, पंडोह में 21 छात्र, बागा-चणोगी कालेज में 3, शिमला जिले में जलोग में जीरो, सिंगला जीरो, सिरमौर के सतौन में 5 छात्र, सोलन के ममलीग में 5, चंडी में जीरो व ब्रूणा में 35 और कुल्लू के संस्कृत कालेज जगतसुख में 4 स्टूडेंट पंजीकृत थे.
जयराम सरकार ने आखिरी 9 महीने में खोले थे 23 कॉलेज
शिक्षा विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, जयराम सरकार ने आखिरी के नौ महीने में कुल 23 डिग्री कॉलेजों को खोले थे. इनमें 5 कॉलेजों में एक भी छात्र-छात्रा ने एडमिशन नहीं लिया. 13 डिग्री कॉलेजों में भी 35 से कम छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे. इसे देखते हुए सरकार ने इन्हें बंद कर दिया.
