शिमला. हिमाचल सरकार अगले बजट से पहले और नया वित्त वर्ष शुरू होने से पूर्व इस महीने भी 2,000 करोड़ लोन लेने जा रही है. यह लोन दो किस्तों में लिया जा रहा है. 15 साल की अवधि के लिए एक किस्त 1,300 करोड़ की होगी और नौ साल की अवधि के लिए दूसरी किस्त 700 करोड़ रुपए की होगी.
21 फरवरी को ऑक्शन
भारत सरकार की मंजूरी के बाद ही यह कदम उठाया जा रहा है. यह राशि ओपन मार्केट से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नीलामी के माध्यम से ली जाएगी. इसके लिए 21 फरवरी को ऑक्शन रखी गई है और यदि सब ठीक रहा तो 22 फरवरी को राज्य सरकार के कोषागार में ये पैसे आ जाएंगे. दो किस्तों में इसलिए धनराशि को लिया गया है, ताकि राज्य सरकार का भी पेमेंट शेड्यूल भी वैसा ही रहे.
यानी 1300 करोड़ राज्य सरकार को 15 साल बाद 2038 में लौटाने हैं, जबकि 700 करोड नौ साल के बाद ही लौटाने होंगे. इससे पहले सुखविंद्र सुक्खू की सरकार ने पिछले महीने 1500 करोड़ का लोन लिया था. अब 2000 करोड़ का लोन इस महीने लिया जा रहा है और यह संभव है कि अगले महीने मार्च में इससे भी ज्यादा धनराशि लोन के रूप में लेनी पड़े. दरअसल नई सरकार की योजनाएं और घोषणाएं एक अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में ही प्रभावी होना शुरू होंगी. कांग्रेस की गारंटियों को लागू करने की प्रक्रिया भी नए वित्त वर्ष से ही शुरू होनी है.
कर्मचारियों की 11,000 करोड़ की देनदारी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पहले ही कह चुके हैं कि प्रदेश में कर्मचारियों की देनदारी के तौर पर ही 11000 करोड रुपए अभी दिए जाने हैं. इसमें पे-कमीशन के एरियर के अलावा महंगाई भत्ते की किस्त भी शामिल है. इन मामलों पर मुख्यमंत्री अपने बजट भाषण में भी कोई घोषणा कर सकते हैं, इसलिए ये सभी भुगतान करने के लिए कोषागार में पर्याप्त पैसा एकत्र किया जा रहा है.
दूसरी वजह यह है कि नई राज्य सरकार अगले वित्त वर्ष में ज्यादा लोन नहीं ले पाएगी. वर्तमान वित्त वर्ष के लिए लोन की लिमिट को चार फीसदी से बढ़ाकर छह फीसदी किया गया है, लेकिन अगले साल से इसे 2.50 फीसदी कम किया गया है. ऐसे में ज्यादा लोन उठाने का मौका इसी साल के आखिरी इन दो महीनों में है.