शिमला: हिमाचल प्रदेश में लंबे वक्त से मंत्री पद का इंतजार कर रहे विधायकों का इंतजार खत्म होने जा रहा है. 11 दिसंबर को राज्य सरकार का एक साल पूरा होने के बाद अगले ही दिन अच्छी खबर सामने आई है. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू अपने कैबिनेट में दो नए सदस्यों को शामिल करने जा रहे हैं.
इनमें घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा का नाम शामिल है. जानकारी के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह शिमला स्थित राज भवन में शाम 4:45 बजे होगा.
राजेश धर्माणी घुमारवीं से तीसरी बार के विधायक हैं. इससे पहले वीरभद्र सरकार में भी मुख्य संसदीय सचिव रह चुके हैं. राजेश धर्माणी को मुख्यमंत्री सुक्खू का बेहद करीबी माना जाता है. इससे पहले जनवरी 2023 में जब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था तो उसमें भी राजेश धर्माणी का नाम तय था, लेकिन अंतिम वक्त में उनका नाम सूची से बाहर हो गया. अब करीब एक साल के लंबे इंतजार के बाद राजेश धर्माणी का नाम दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में सामने आया है.
इसके अलावा यादविंदर गोमा दूसरी बार विधायक बने हैं. साल 2012 और साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. साल 2017 का चुनाव यादविंदर गोमा हार गए थे. यादविंदर गोमा के पिता मिल्खी राम गोमा भी विधायक रहे हैं. साल 2012 में भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सबसे युवा विधायक बने थे.
जातिय समीकरण साधने की कोशिश
विधायक राजेश धर्माणी ब्राह्मण वर्ग से संबंध रखते हैं, जबकि यादविंदर गोमा अनुसूचित जाति वर्ग से संबंध रखते हैं. इससे पहले उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ब्राह्मण और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में कर रहे हैं.
जिला बिलासपुर से जीत हासिल करने वाले राजेश धर्माणी कांग्रेस के एकमात्र विधायक हैं. यह जिला बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नेता का गृह जिला भी है और आने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी राजेश धर्माणी का मंत्री पद बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. बिलासपुर का इलाका हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आता है.
क्षेत्रीय समीकरण पर भी नजर
इसके अलावा यादविंदर गोमा को कांगड़ा का क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इससे पहले केवल चौधरी चंद्र कुमार ही कांगड़ा मंत्रिमंडल में कांगड़ा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंत्रिमंडल में दो अनुसूचित जाति वर्ग के विधायकों को जगह देने की बात कही थी. धनीराम शांडिल के बाद अब यादविंदर गोमा दूसरे अनुसूचित जाति वर्ग से संबंध रखने वाले विधायक होंगे.
