नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी कर ली गई है कल यानी कि 9 नवंबर को चुनाव होने हैं. बुधवार शाम तक प्रदेशभर में सभी पोलिंग बूथ को मतदान के लिए तैयार करना होगा ताकि वीरवार सुबह 8 बजे मतदान प्रक्रिया शुरू की जा सके.
इस चुनाव के लिए कुल 7,521 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 598 शहरी और 6,923 मतदान केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में है. इनमें 360 पोलिंग बूथ अतिसंवेदनशील और 980 संवेदनशील हैं. इस बार 136 मतदान केंद्र ऐसे होंगे जहां केवल महिला ही पूरे बूथ को संभालती हुई नजर आएंगी. वहीं 5 बूथ को दिव्यांग संभालेंगे. अब 318 पुरुष और 17 महिला उम्मीदवारों का फैसला जनता जनार्दन करेगी.
पचास लाख से ज्यादा वोटर
इस चुनाव में 50,25,941 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें से 25,68,761 पुरुष मतदाता हैं वहीं 24,57,166 महिला मतदाता अपने मत का प्रयाग करेंगे. वहीं 14 थर्ड जेंडर भी वोट डालेंगे. जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों के 10 पोलिंग बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी गई हैं. चुनावों 1,200 से ज्यादा बसों की व्यवस्था कर रखी है.
2009 में हेलिकॉप्टर से पहुंचा चुनाव अधिकारी पर नहीं डला वोट
पालमपुर समुद्रतल से 2650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कांगड़ा की अति दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में 2009 के लोकसभा के चुनावों में चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र स्थापित किया था. वहीं इस गांव में सैंचुरी एरिया के मसले और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर किए बहिष्कार के चलते एक मत भी नहीं पड़ा था.
क्या होगा इस बार
इस बार भी बड़ा भंगाल पंचायत के करीब 359 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. वहीं बीड में रह रहे 70 मतदाता के लिये 7 अधिकारी 22 किलोमीटर की पहाड़ चढ़ाई करेंगे. बताया जा रहा है कि गांव के भी कुछ लोग इन अधिकारियों के साथ पैदल चल रहे हैं ताकि उन्हें कोई दिक्कत न आए.
शिमला का गांव जहां जाने के लिये 14 किमी पैदल चलना पड़ता है
राजधानी शिमला का सबसे दुर्गम और दूरदराज मतदान केंद्र पंडार में है. एक ऐसा गांव जहां पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है. चुनाव आयोग के पांच कर्मचारियों को 107 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाने का जिम्मा सौंपा है. हिमाचल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत के कंधों के ऊपर कड़ी चुनौती है कि सब कुछ शांति के साथ हो जाये.
कहां रहते हैं सबसे पुराने वोटर
सबसे कम मतदाता वाला बूथ है किन्नौर का कांह जहां सबसे कम 6 मतदाता है. वहीं सबसे ऊंचे स्थल पर स्थित मतदान केंद्र हिक्किम है, जो लाहौल-स्पिति जिले में सबसे अधिक ऊंचाई पंद्रह हजार फीट पर स्थित है. जहां 46 मतदाता हैं. यह गांव संमुद्र तल से 4572 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है. दुनिया के सबसे ऊंचे पोलिंग स्टेशन के लिए इस गांव का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. देश के पहले वोटर श्याम शरण नेगी (101) भी किन्नौर के कल्पा से हैं. चुनाव के नतीजे 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.