नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के लोगों को विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों को जानने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा. ये नतीजे किसी के लिए खुशी का कारण बने तो किसी के लिए उदासी लेकर आए. इस चुनाव में कांग्रेस फिर मिशन रीपीट नहीं कर पाई और भाजपा अपने जीत का कमल खिलाने में कामयाब रहे. यह अलग बात है कि जिन्हें मुखिया बनाना था वह खुद चुनाव हार गए.

इंडियन नेशनल कांग्रेस को 21 सीटें ही मिली, वहीं भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 44 सीटों पर कब्जा जमाया. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) को 1 सीट और निर्दलीय को 2 सीटें मिली. भाजपा को 18 लाख से ज्यादा वोट मिले, जो लगभग 48.8% वोट प्रतिशत है. कांग्रेस महज 41.7% वोट शेयर के साथ 15 लाख से अधिक वोट लेने में कामयाब रही. निर्दलीय प्रत्याशियों महज 6.3% वोट लेने में कामयाब रहे.

सीपीएम को 1.5 प्रतिशत वोट मिले. बीएसपी को महज 0.5 प्रतिशत वोट ही मिल पाए. खास बात यह रही कि नोटा का इस्तेमाल भी खूब हुआ, लगभग 0.9 प्रतिशत लोगों ने इसका इस्तेमाल करते हुए अपने मत का उपयोग कर कई लोगों का गणित बिगाड़ दिया गया.