शिमला. हिमाचल में नए मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण कर लिया है और उनके साथ ही 11 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बारे में तो आपको हमने बहुत कुछ बताया, अब जान लेते हैं कि हिमाचल के 11 मंत्री कौन हैं उनकी राजनीतिक पहचान क्या है. सबकी प्रोफाइल नीचे पढ़िये.
महेंद्र सिंह ठाकुर (65) इंटर पास हैं. वह सातवीं बार विधायक चुनकर आए हैं और दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने इस बार कांग्रेस के चंद्रशेखर को 11,964 मतों के अंतर से हराया है. एक साधारण परिवार से राजनीति में आकर उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. उन्होंने दल तो बदले, लेकिन चुनाव नहीं हारे. अलग-अलग चुनाव चिन्ह पर लड़ने वाले महेंद्र ठाकुर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं. भाजपा से इन्होंने हैट्रिक लगाई है.
किशन कपूर(66) 12वीं पास है. किशन कपूर धर्मशाला से जीत हासिल कर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं. वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं. 1990 में पहली बार चुनाव जीतने वाले कपूर धूमल मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने 1990, 1993,1998, 2007 व 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. इस बार उन्होंने वीरभद्र सरकार में मंत्री सुधीर शर्मा को हराया है.
यह भी पढ़ें-जयराम की कैबिनेट में 11 मंत्री, 13वें मंत्रीमंडल ने ली शपथ
सुरेश भारद्वाज (65) लॉ ग्रेजुएट हैं. छात्र काल में एबीवीपी से जुड़े रहे व बाद में सक्रिय राजनीति में आए. 1982 में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहे. उसके बाद 2003 से लेकर 2006 तक फिर बीजेपी की कमान उन्होंने संभाली. 1990 में पहली बार विधायक चुने गये. सुरेश भारद्वाज ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशी हरीश जनार्था को 1903 मतों के अंतर से हराया है. वे चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं.
अनिल शर्मा (62) पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम के बेटे हैं. मंडी चुनाव क्षेत्र में इस परिवार का अपना जनाधार है. चुनावों से ठीक पहले अनिल शर्मा ने कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी ज्वॉइन की और कांग्रेस की उम्मीदवार चंपा ठाकुर को हरा कर मंडी सीट से जीत हासिल की. अनिल शर्मा चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं. वीरभद्र सिंह की सरकार में अनिल शर्मा पंचायती राज मंत्री रहे थे.
सरवीण (51) ने क्लासिकल डांस में एम.ए किया है. इसके साथ ही उन्होंने योगा और पेंटिंग में डिप्लोमा ले रखा है. उन्होंने लोकनृत्य में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्टीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है. वह पांच साल तक पंजाब यूनिवर्सिटी में बेस्ट लोकनर्तकी रहीं. 1992 में राजनीति में प्रवेश के बाद सरवीण शाहपुर से चौथी बार जीत कर विधानसभा पहुंची है. इस बार उन्होंने निर्दलीय विजय सिंह मनकोटिया को हराया. सरवीण एकमात्र महिला मंत्री बनकर सामने आई हैं.
यह भी पढ़ें-जयराम के सामने किसे बनाया जाए विपक्षी नेता, कांग्रेस में मंथन
रामलाल मारकंडा (52) पीएचडी हैं. वह पत्तन घाटी से आते हैं और लाहुल के रहने वाले हैं और यहां उनकी मजबूत पकड़ है. वह धूमल सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. वह तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. लाहुल-स्पीति विधानसभा सीट से वह 1478 मतों से जीते, उन्होंने कांग्रेस के रवि ठाकुर को हराया है.
विपिन सिंह परमार (54) स्नातक हैं. कॉलेज के दिनों में ही विद्यार्थी परिषद का दामन थामा था. वे 1980 में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं. परमार दो बार राज्य बीजेपी के महासचिव भी रहे हैं. वर्तमान में वे हिमाचल प्रदेश बीजेपी कांगड़ा चंबा युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं. वह 1999 से 2003 तक हिमाचल प्रदेश के खादी बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं. विपिन सिंह परमार कांग्रेस के प्रत्याशी जगजीवन पॉल को 10,291 मतों के अंतर से हरा कर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं.
वीरेंद्र कंवर (53) लॉ ग्रेजुएट हैं. उन्होंने फार्मेसी में डिप्लोमा कोर्स भी किया है. 1981 में हमीरपुर से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी. बाद में वह 1993 में ऊना में भाजयुमो के जिला अध्यक्ष बने. 2000 में जिला परिषद में चुने गये. पहली बार 2003 के चुनावों में विधायक चुने गये. वह कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे है.
यह भी पढ़ें-21 दिसंबर को पंचायत टाइम्स ने बता दिया था, जयराम होंगे मुख्यमंत्री
विक्रम सिंह ठाकुर (53) स्नातक शिक्षित हैं. विक्रम ठाकुर को राजनीति विरासत में नहीं मिली. विक्रम ठाकुर ने पहली बार वह 2003 में जसवां जो अब जसवां परागपुर के नाम से जाना जाता है, से जीत हासिल की. वह प्रदेश भाजयुमो के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह खादी बोर्ड और प्रदेश वन निगम के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे हैं. 2017 के चुनाव में विक्रम ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह मनकोटिया को 1862 मतों के अंतर से हराया.
गोविंद ठाकुर (49) स्नातक तक शिक्षित हैं और वह पूर्व मंत्री कुंज लाल ठाकुर के बेटे हैं. आरएसएस से जुड़ाव के चलते राजनीति में कदम जमाने वाले गोविंद भाजयुमो में अपनी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. तीसरी बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे गोविंद ने इन चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार हरिचंद को 3,005 मतों से शिकस्त दी.
डॉ. राजीव सहजल (41) बीएएमएस हैं. वे तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. सहजल ने इस सीट पर कांग्रेस के विनोद सुलतानपुरी को 442 मतों के अंतर से हराया है.