सोलन. गुरुग्राम के रायन स्कूल में दिल दहला देने वाले हादसे के बाद भी हिमाचल में विद्यार्थियों की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है. इसमें प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और परिजन सभी दोषी नजर आ रहे है. क्योंकि जहाँ जिला प्रशासन स्कूलों को एहतियात बरतने के निर्देश देकर पल्ला झाड़ चुका है. वहीं स्कूल प्रशासन ने उन विद्यार्थियों की जिम्मेवारी लेने से मना कर दिया है, जो निजी वाहनों में उनके स्कूल आ रहे है. वहीं अभिभावक एेसे चालकों के साथ बच्चों को भेज रहे है जिनके बारे में उन्हें पुख्ता जानकारी ही नहीं है. ऐसे में जब कोई बड़ा हादसा होता है, तो सिस्टम को कोसने के सिवाए कोई चारा नहीं होता.
बता दें कि जब हमारी टीम ने स्कूल वैनों की सुरक्षा का जायजा लिया, तो पता चला कि बाहरी राज्यों की गाड़ियाँ भी बच्चों को स्कूल से लाने और ले जाने का कार्य कर रही है. यही नहीं इन में से कईयों के पास तो वाहन चलाने के लाइसेंस ही नहीं है. एेसे में अगर कोई हादसा होता है या कोई चालक वारदात को अंजाम दे कर भाग जाता है, तो चालक का रिकॉर्ड न स्कूल प्रबन्धन के पास होगा ओर न ही अभिभावकों के पास. एसे में विद्यार्थी कितने सुरक्षित है उसका अंदाजा आप खुद लगा सकते है.
जब इस बारे में निजी और सरकारी स्कूलों के प्रभारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह उन वाहन चालकों की जिम्मेवारी ले सकते है जो वाहन उनके द्वारा चलावाए जा रहे है. लेकिन उन्होंने उन वाहन चालकों की जिम्मेवारी लेने से मना कर दिया जो निजी तौर अभिभावकों के कहने पर बच्चों को छोड़ने स्कूल आते हैं.
वहीं सरकारी स्कूल में हालत इससे भी ज्यादा खराब नजर आ रही है क्योंकि अभी तक स्कूलों में सीसीटीवी फुटेज तक नहीं लगाए गए है और न ही कोई सुरक्षा कर्मी नियुक्त किया गया है. यही नहीं स्कूल में मूलभूत सुरक्षा के इंतज़ाम भी नहीं दिख रहे है. कोई भी व्यक्ति बिना रोक-टोक के स्कूल में आ कर वारदात को अंजाम दे सकता है.
जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने कहा कि पुलिस प्रशासन विद्याथियों की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील है. स्कूलों को भी सख्त हिदायत दी जा चुकी है यदि कोई भी कोताही सुरक्षा को लेकर की जाती है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.