शिमला. चुनाव नजदीक आते देख सरकार हर रोज नए वादे करती हुई दिखती है. अब स्वास्थ्य मंत्री की मानें तो उन्होंने 2022 तक शिमला को टीबी की बीमारी से मुक्त करने का लक्ष्य बनाया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने ये बात शिमला में टीबी की रोकथाम के लिए हुए एक कार्यक्रम में कही.
मंत्री ने कहा कि c. वर्ष 2025 तक राष्ट्र को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य से पहले ही प्रदेश में यह लक्ष्य वर्ष 2021-22 तक प्राप्त कर लिया जाएगा. ठाकुर ने कहा कि टीबी विश्व भर में सबसे अधिक घातक व जानलेवा बीमारी है, जिससे हर वर्ष लगभग 14 लाख लोगों की जानें जाती हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी से मृत्यु में लगभग 38 प्रतिशत मामले तम्बाकू से जुड़े हैं. टीबी के मामले धूम्रपान न करने वाले रोगियों के मुकाबले धूम्रपान करने वाले रोगियों में 3 गुना ज्यादा पाये जाते हैं. राज्य सरकार ने प्रभावी तम्बाकू नियंत्रण के लिए अनेक नए कदम उठाए हैं जिसके कारण वर्ष 2013 में हिमाचल प्रदेश ने धूम्रपान मुक्त प्रदेश का दर्जा भी हासिल कर लिया है. अब देखना होगा कि ये वादें चुनावी जुमले हैं या हकीकत में इसके लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे.