Historic Day: निचले सदन में 12 घंटे तक चली बहस के बाद बुधवार को आधी रात के बाद करीब 3:17 बजे लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया गया। 288 सदस्यों ने संशोधन विधेयक के पक्ष में और 232 ने इसके खिलाफ मतदान किया, जिसके बाद विधेयक पारित हो गया।
वक्फ विधेयक अब इन नाम से जाना जाएगा
वक्फ विधेयक का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (यूएमईईडी) विधेयक कर दिया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करना है। संशोधन विधेयक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना चाहता है। लोकसभा ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पारित कर दिया।
राज्यसभा में आज पारित होगा बिल
अब इस विधेयक को मौजूदा संसद सत्र के बचे हुए दो दिनों में राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए लाया जाएगा। बजट सत्र का दूसरा चरण 4 अप्रैल को समाप्त होगा।
जानिए, लोकसभा में दिन भर क्या-क्या हुआ
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में विधेयक पेश किए जाने के बाद यह विधेयक बहस का विषय बन गया। विधेयक पेश करने के बाद, रिजिजू ने टिप्पणी की कि भारतीय संसद के इतिहास में किसी अन्य विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति में इतनी बहस नहीं हुई जितनी कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर हुई है।
कार्यवाही के दौरान, किरेन रिजिजू ने उम्मीद जताई कि कानून का विरोध करने वाले लोग अंततः अपने रुख पर पुनर्विचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी की बात कोई बुरा-गुमा ना समझेगा। ज़मीन का दर्द कभी आसमान नहीं समझेगा.मुझे न केवल उम्मीद है, बल्कि मुझे यकीन है कि जो लोग इस बिल का विरोध करते हैं, उनके दिल में भी बदलाव आएगा। हर कोई सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस बिल का समर्थन करेगा।
रिजिजू ने कहा कि संसद को भी वक्फ संपत्ति माना जा सकता था
1970 के दशक के एक अदालती मामले को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सीजीओ कॉम्प्लेक्स सहित कई संपत्तियों को वक्फ संपत्ति माना जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार के कार्यालय हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन सहित कई संपत्तियों से जुड़ा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति बताया था। मामला अदालत में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित कर वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो जिस संसद भवन में हम बैठे हैं, उसे भी वक्फ संपत्ति माना जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियों को गैर-अधिसूचित कर दिया गया होता। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि विधेयक किसी भी धार्मिक व्यवस्था, संस्था या धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं करता है।
वक्फ संशोधन विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष अपने वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने के लिए गलत धारणा बना रहा है। अमित शाह ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों के धार्मिक आचरण में हस्तक्षेप करेगा और उनके द्वारा दान की गई संपत्ति में हस्तक्षेप करेगा। यह गलत धारणा अल्पसंख्यकों में अपने वोट बैंक के लिए डर पैदा करने के लिए फैलाई जा रही है।