नई दिल्ली. Waqf Amendment Bill : वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राज्यसभा ने लंबी बहस के बाद 128 मतों के साथ पारित कर दिया है, जबकि 95 मत इसके खिलाफ थे। लोकसभा ने पहले इस विधेयक को 288 मतों के साथ और 232 मतों के विरोध में पारित किया था। विपक्षी दलों ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक करार दिया है। उनका तर्क है कि यह मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर डाल सकता है और उनके अधिकारों को कमजोर कर सकता है। हालांकि, सरकार ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा है कि यह समावेशिता और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं : किरेन रिजिजू
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया और कहा कि प्रस्तावित कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है या उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखता है, बल्कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के कामकाज में सुधार करना, जटिलताओं को दूर करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और प्रौद्योगिकी-संचालित प्रबंधन शुरू करना है।
बता दें लोकसभा ने गुरुवार को करीब 12 घंटे की तीखी बहस के बाद 288-232 वोटों से विधेयक पारित कर दिया। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांचे गए और फिर से तैयार किए गए विधेयक को उच्च सदन में पेश करते हुए रिजिजू ने कहा कि प्रस्तावित कानून का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्तियों से संबंधित है। रिजिजू ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य सभी मुस्लिम संप्रदायों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना है।
देश में सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ के पास है : रिजिजू
मंत्री ने सदन को बताया कि 2004 में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जो अब बढ़कर 8.72 लाख हो गई हैं। विधेयक पारित करने के लिए विपक्ष का समर्थन मांगते हुए रिजिजू ने कहा कि इसका उद्देश्य पिछली सरकारों के अधूरे कार्यों को पूरा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा और रेलवे के स्वामित्व वाली संपत्तियों को छोड़कर, देश में सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ के पास है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अच्छे इरादे से विधेयक पेश किया है और इसलिए इसका नाम बदलकर ‘उम्मीद’ रखा गया है। इस नाम से किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। हम किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। वक्फ बोर्ड की स्थापना केवल वक्फ संपत्तियों की देखरेख करने के लिए की गई है, न कि उनका प्रबंधन करने के लिए।