हमीरपुर. हिमाचल में एचआरटीसी में ट्रेनी कंडक्टर रोजाना हजारों रुपए का टांका लगा रहे हैं. निगम को कंडक्टरों से सेवाएं लेना महंगा पड़ रहा है. निगम ने अभी तक प्रदेश भर से 760 के करीब प्रशिक्षु कंडक्टरों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जबकि दो दर्जन से अधिक प्रशिक्षु के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
राज्य भर में टांका खोर कंडक्टरों और प्रशिक्षुओं को पकड़ने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान करीब 760 प्रशिक्षुओं को टांके लगाते रंगे हाथ पकड़ा गया है. जिन्हें प्रशिक्षण से हाथ धोना पड़ा है. यही नहीं 20 से अधिक प्रशिक्षुओं के खिलाफ प्रदेश केविभिन्न थानों में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है.
हमीरपुर एचआरटीसी के आरएम अनूप राणा ने बताया कि एक अभियान के तहत हमीरपुर में भी 60 प्रशिक्षु कंडक्टरों पर अब तक नौकरी से निकाला गया है और उन्हें अब निगम की बसों में दोबारा नौकरी का अवसर नहीं दिया जाएगा.
एचआरटीसी एक हजार करोड़ रुपए के वित्तिय घाटे के बोझ से दबा पड़ा है. निगम ने घाटे से उबरने के लिए बेरोजगार युवाओं को बसों में प्रशिक्षण देने की योजना बनाई थी. इसके चलते प्रशिक्षु कंडक्टरों से 25 रुपए प्रति घंटे सेवाएं ली जा रही हैं. प्रशिक्षु कंडक्टरों को आठ घंटे में 200 रुपए दिए जा रहे हैं लेकिन प्रशिक्षु कंडक्टर निगम की बसों में हर रोज हजारों रुपए का चूना लगा रहे हैं.