नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने फौरन आराम देने वाली फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें पेरासिटामोल और निमेसुलाइड जैसी प्रचुर मात्रा में बिकने वाली दवाएं भी शामिल हैं. ये दवाएं तुरंत आराम देती हैं लेकिन इनसे नुकसान का खतरा होता है. केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट कमेटी की राय पर ये फैसला लिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी अधिसूचना जारी की है. सरकार के द्वारा गठित विशेषज्ञ सलाहकार समिति ने पिछले साल अप्रैल में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें कहा गया था कि इन दवाओं का कोई मेडिकल औचित्य नहीं है. जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है वो इस प्रकार हैं.
सरकार ने इन दवाओं पर प्रतिबन्ध लगाया है –
- निमेसुलाइड + पेरासिटामोल
- क्लोरफेनिरामाइन + कोडीन सिरप
- फोल्कोडाइन + प्रोमेथाजीन
- एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन
- ब्रोमहेक्सिन + डेक्सट्रोमेथॉर्फन + अमोनियम क्लोराइड मेंथॉल
- पेरासिटामोल + ब्रोमहेक्सिन फेनिलेफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुइफेनेसिन
- सालबुटामॉल + क्लोरफेनिरामाइन शामिल है.
जानकारी के अनुसार, एक्सपर्ट कमेटी ने दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 की धारा 26ए का हवाला दिया है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 की धारा 26ए के तहत जनहित मे दवाओं की बिक्री और वितरण पर रोक लगाई जा सकती है.
क्या हैं एफडीसी दवाएं ?
एफडीसी दवाएं उन्हें कहा जाता है, जो दो या दो से अधिक दवाओं के मिश्रण से तैयार होती हैं. इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है. 2016 में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने कहा था कि इन दवाओं को बिना वैज्ञानिक डेटा के रोगियों को बेचा जा रहा था. उस समय सरकार ने 344 ड्रग कॉम्बिनेशन के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. अभी जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे इसी कॉम्बिनेशन का हिस्सा हैं.
