नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाईवे पर बढ़ते सड़क हादसों (road accidents on highways) को लेकर suo motu संज्ञान लिया। कोर्ट ने National Highways Authority of India (NHAI) और Ministry of Road, Transport and Highways (MoRTH) से रिपोर्ट तलब की है। यह कदम राजस्थान और तेलंगाना में हाल ही में हुई जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं के बाद उठाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई शामिल थे, ने NHAI को निर्देश दिया कि वह Bharatmala Highway (Rajasthan) और Hyderabad-Bijapur Highway (Telangana) के किनारे स्थित ढाबों और सड़क की स्थिति का सर्वे करे। इसके अलावा, कोर्ट ने Ministry of Home Affairs और संबंधित राज्यों के Chief Secretaries को भी नोटिस जारी किया है।
हादसों का दुखद आंकड़ा
राजस्थान के फालोदी में 2 नवंबर को, एक tempo traveller ने एक स्थिर ट्रक को टक्कर मार दी, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई।तेलंगाना के श्रीकाकुलम में 3 नवंबर को, एक gravel truck का Telangana Roadways bus से टकराना 19 लोगों की जान ले गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “दो दिन में दो हादसे, 40 लोग मारे गए। यह कीमत बहुत ज्यादा है।” कोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात में NHAI और MoRTH से रिपोर्ट लेना आवश्यक है।
कारण और सड़क सुरक्षा की कमी
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कई हादसों के पीछे प्रमुख कारण हैं । रोड की खराब स्थिति (poor road condition), जबकि नियमित toll लिया जा रहा है। Dhaba / roadside eateries गैर-निर्धारित जगहों पर खुल गए हैं। इसके कारण वाहन वहीं पार्क होते हैं और अन्य वाहन उन्हें देख नहीं पाते, जिससे टक्कर होती है।
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता A.N.S. Nadkarni को इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया। Nadkarni ने कहा, “यह समस्या सिर्फ दो हाईवे तक सीमित नहीं है, इसे pan-India स्तर पर देखा जाना चाहिए।”
कोर्ट ने कहा कि पहले वह NHAI और केंद्र सरकार की रिपोर्ट को देखकर फैसला करेगी और इसके बाद यह आदेश पूरे देश के हाईवे (national highways) तक बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
