जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से आये दिन अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सभी नेता बयानबाजी में लगे हैं. कल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निकट भविष्य में हम राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए कुछ अहम कदमों पर विचार कर रहे हैं. इससे राजनीतिक फंडिंग की पूरी प्रक्रिया ही बदल जाएगी.
राजनीतिक चंदे की वर्तमान व्यवस्था 70 साल से भी ज्यादा पुरानी है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का इससे कोई भला नहीं हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस व्यवस्था में सुधार लाने पर लगातार जोर दे रहे हैं. जनता में इस बात के लिए व्यापक समर्थन है. जेटली ने अपने बजट भाषण में मौजूदा नकद चंदे की जगह चुनावी बॉड लाने का एलान किया था. कुछ मीडिया रिपोर्टो के हवाले से कहा गया कि सरकार इस सिलसिले में कानून का मसौदा तैयार कर रही है और इस पर विचार-विमर्श शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा.
राजनीतिक फंडिंग में सुधार जल्द : वित्तमंत्री
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