नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश में सौर ऊर्जा (Solar Power) क्षमता में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। नई दिल्ली में ऊर्जा क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को लेकर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन किया है।
पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अब कोयला रिफाइनिंग का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। बीते वर्ष देश में एक अरब टन से अधिक कोयले का उत्पादन हुआ, जबकि कोयला आयात में 8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
पवन ऊर्जा में भी बड़ा उछाल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की विंड एनर्जी क्षमता अब 53 गीगावॉट तक पहुंच चुकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्ष 2014 के बाद से सरकार ने केवल परिणाम आधारित नीति (Outcome-based governance) पर ध्यान दिया है, जिसके चलते ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं।
ऊर्जा क्षेत्र के पांच मजबूत स्तंभ
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में ऊर्जा क्षेत्र का परिवर्तन इन पांच बुनियादी स्तंभों पर आधारित है:
सार्वभौमिक पहुंच (Universal Access)
किफायती दरें (Affordability)
पर्याप्त उपलब्धता (Availability)
वित्तीय व्यवहार्यता (Financial Viability)
पर्यावरणीय स्थिरता (Sustainability)
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर फोकस
उन्होंने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का भी जिक्र किया, जिसका लक्ष्य 2030 तक 50 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता हासिल करना है। इस मिशन के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के जीवाश्म ईंधन आयात को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
पीएम सूर्य घर योजना से 20 लाख घरों को फायदा
पीयूष गोयल ने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) के तहत देशभर में करीब 20 लाख घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इससे न केवल बिजली बिल कम होंगे, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा।
ऊर्जा सरप्लस से रिन्यूएबल लीडरशिप तक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब बिजली उत्पादन में सरप्लस देश बन चुका है। साथ ही ग्रिड इंटीग्रेशन और नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक नेतृत्व की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने बिजली की कमी (Power Scarcity) से निकलकर पहले बिजली सुरक्षा (Power Security) और अब बिजली स्थिरता (Power Sustainability) की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा लिए हैं।
