नई दिल्ली. भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने एक लंबे इंतजार के बाद Free Trade Agreement (FTA) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के लिए ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है। इस समझौते का मकसद भारतीय उत्पादों को UK Market Access दिलाना है, साथ ही ब्रिटेन के लिए भारतीय बाज़ार में Low Tariff Entry को बढ़ावा देना है। समझौते के तहत 2030 तक India-UK bilateral trade को 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में हुई इस डील के जरिए करीब 99% Indian exports को शुल्क में राहत मिलेगी। इसमें Textiles, Footwear, Engineering Goods, Gems and Jewellery, और Processed Agro Products शामिल हैं। वहीं भारत में ब्रिटिश Whisky, Cars और Medical Equipment जैसी हाई-वैल्यू प्रोडक्ट्स अब Affordable Price पर उपलब्ध हो सकेंगे।
तीन साल चली बातचीत के बाद यह समझौता फाइनल हुआ है। भारत को उम्मीद है कि इससे MSME Sector, Indian Youth, Farmers और Fishermen को सीधा फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे Shared Prosperity का Blueprint बताते हुए कहा कि यह केवल एक व्यापारिक करार नहीं बल्कि साझा आर्थिक विकास का विज़न है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टारमर ने भी कहा कि यह FTA, Post-Brexit Era में ब्रिटेन के लिए सबसे अहम आर्थिक समझौता है। उन्होंने इस करार को UK की Global Trade Strategy का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
भारत के लिए इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब Haldi, Black Pepper, Cardamom, Mango Pulp, Pickles, Lentils जैसे Products UK में Duty-Free Export के तहत पहुँच सकेंगे। इससे न केवल Farmers’ Income में इजाफा होगा, बल्कि Indian Agriculture Sector की Global Reach भी मजबूत होगी।
इसी तरह Shrimp, Tuna, Fish Feed, और Leather Goods, Apparel, Footwear जैसी श्रम-प्रधान वस्तुएँ भी बिना भारी टैक्स के UK में Export की जा सकेंगी। इससे Coastal States जैसे Andhra Pradesh, Odisha, Kerala और Tamil Nadu को भी बड़ा आर्थिक फायदा होगा।
इस समझौते से जहां India’s Export Portfolio को मजबूती मिलेगी, वहीं British products की Cost Reduction in Indian Market से उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिलेंगे।