साल 2017 का यूनेस्को मेडल पाने वालों में एक भारतीय वैज्ञानिक का नाम भी है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष को विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह मेडल प्रदान किया गया. पिछले दिनों युनेस्को के पेरिस स्थित मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में इस मेडल से सम्मानित किया गया.
वर्ष 2017 के लिए युनेस्को मेडल पुरस्कार नीदरलैंड्स के वैज्ञानिक प्रोफेसर थियो रेजिंग, कंबोडिया के डॉ. हन मेनी, रूस के डॉ. व्लादिमीर बोल्शकोव, अमेरिकी संस्थान कीसाइट टेक्नोलॉजी, जापानी कंपनी टोयोडा गोसेई व मास्को टेक्नोलोजिकल यूनिवर्सिटी को भी दिया गया है.
पिछले सात सालों से नैनो विज्ञान और प्रौद्यागिकी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वैज्ञानिकों और संस्थानों को दिया जाता है. 2010 में शुरू किए इस पुरस्कार से अब तक 37 व्यक्तियों एवं संस्थानों को नवाजा जा चुका है.
यूनेस्को की महानिदेशक आरिना बोस्कोवा ने कहा,दवा निर्माण में अभिनव पदार्थों के विकास से लेकर जल प्रदूषण कम करने और संचार तकनीक में नैनो-प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है, जिनका हमारे जीवन पर सीधा असर पड़ता है. नैनो-विज्ञान ने चिकित्सा सहित अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है.