नई दिल्ली. भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) बीआर गवाई (CJI BR Gavai) ने स्पष्ट किया कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ शासन “rule of law” के तहत होता है, यानी संविधान और कानून के अनुसार, न कि मनमाने तरीके या ताकत के द्वारा। मॉरीशस में आयोजित “Rule of Law Memorial Lecture” में CJI गवाई ने कहा कि सत्ता में जो भी हो, हर व्यक्ति को कानून का पालन करना अनिवार्य है।
उन्होंने यह भी माना कि ऐतिहासिक रूप से कानून के नाम पर अन्याय हुआ है, जैसे गुलामी या औपनिवेशिक कानून, लेकिन असली कानून वही है जो justice, equality और fairness को बनाए रखता है।
बुलडोज़र नियम पर CJI गवाई का कटाक्ष
CJI गवाई ने ‘bulldozer rule’ की आलोचना करते हुए कहा कि बिना सुनवाई या कानूनी प्रक्रिया के किसी के घर को ढहाना rule of law का उल्लंघन है।
उन्होंने स्पष्ट किया:
“India will be run by the Constitution, not by bulldozer rule.”
भारत-मॉरीशस संबंधों की सराहना
CJI गवाई ने भारत और मॉरीशस के गहरे संबंधों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने औपनिवेशिक शासन की कठिनाइयाँ झेली हैं और अब स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज के रूप में एक साथ खड़े हैं।
गांधी और अंबेडकर की याद
CJI गवाई ने Mahatma Gandhi के दर्शन का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी निर्णय में सबसे गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोगों पर उसके प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।
B.R. Ambedkar का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान ने शक्ति के दुरुपयोग को रोकने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए नियम और प्रक्रियाएँ स्पष्ट रूप से निर्धारित की हैं। उन्होंने यह भी बताया कि Supreme Court of India ने हमेशा rule of law की रक्षा की है और कई landmark judgments इस बात के प्रमाण हैं।
प्रमुख सुप्रीम कोर्ट (SC) फैसले जिनका CJI गवाई ने जिक्र किया
Kesavananda Bharati Case (1973): कोर्ट ने फैसला दिया कि संसद संविधान की basic structure को बदल नहीं सकती।
Maneka Gandhi Case (1978): हर कानून just, fair और reasonable होना चाहिए।
Triple Talaq Case (2017): कोर्ट ने इस प्रथा को arbitrary और unconstitutional घोषित किया।
Electoral Bonds Case (2024): राजनीतिक दलों के फंडिंग में transparency की आवश्यकता पर जोर।