कांगड़ा (पालमपुर). पंचायत टाइम्स की टीम कांगड़ा जिले की पालमपुर विधानसभा पहुंच कर वहां की भाजपा प्रत्याशी इंदु गोस्वामी से मिली. इंदु गोस्वामी की सीट दिल्ली से तय हुई है इसलिये यह एक हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. उनके खिलाफ कांग्रेस के बृज बिहारी लाल बुटैल, जो निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष भी हैं, उनके बेटे आशीष बुटैल मैदान में हैं. दोनों ही चेहरे पालमपुर विधानसभी के चुनावी समीकरणों के लिहाज से नये माने जा रहे हैं.
इंदु गोस्वामी के साथ लाइव
यहां से हमारी संवाददाता सीमा शर्मा ने इंदु गोस्वामी के साथ लाइव बात-चीत कर उनकी तैयारियों के बारे में जाना. यहां से अब तक 5 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा को सफलता मिली है. यह इलाका शांता कुमार का है, उनके करीबी प्रवीण कुमार बगावत कर इस बार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. ऐसे में इंदु गोस्वामी के सामने न केवल विपक्षी पार्टी से लड़ाई का मसला है बल्कि घरेलू मोर्चे पर भी उन्हे अपनी सियासत मांजते रहना पड़ेगा.
जीतने के बाद की प्राथमिकतायें
इंदु अपने राजनीतिक सफर को एबीवीपी, युवा मोर्चा और महिला मोर्चा से यहां तक बताती हैं. पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र को विकसित करना वह अपनी प्राथमिकता बताती हैं. इसके अलावा पालमपुर को धर्मशाला, कांगड़ा की तरह स्मार्ट सिटी सूची में शामिल करना भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है. इसके अलावा पालमपुर को जिले का दर्जा दिये जाने के बारे में वह कहती हैं कि हिमाचल भाजपा ने 17 जिले संगठनात्मक रूप से बना रखे हैं. लेकिन इस मुद्दे के संवाधानिक होने की वजह से वह इस मुद्दे को केवल ऊपर तक उठाने का ही वादा कर सकती हैं.
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये वह गुजरात, राजस्थान के घरेलू उत्पादों के व्यवसायीकरण और विपणन प्रबंधन के मॉडल को अपनाने के लिये प्रयास करेंगी. भाजपा की ओर से केवल 6 महिलाओं को सीट दिये जाने पर वह कहती हैं कि राजनीति में जिताऊ उम्मीदवार होना सबसे ज्यादा मायने रखता है.