शिमला. भंग किए जा चुके हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की पेपर लीक जांच में फंसी भर्तियों को लेकर फार्मूला तैयार हो गया है. सरकार सिर्फ उन्हीं भर्तियों को रद्द करने का फैसला लेगी, जिसमें पेपर लीक रैकेट जैसी कोई बात मिलेगी. सीमित लीकेज वाली भर्तियों के मामले में रिजल्ट घोषित करने को लेकर विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर फैसला होगा.
फंसी भर्तियों को लेकर विजिलेंस ब्यूरो को निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के निर्देश के बाद मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठकों के बाद विजिलेंस ब्यूरो को नए निर्देश भेजे गए हैं. जांच एजेंसी को कहा गया है कि वह सबसे पहले जिन भर्तियों में पद या आवेदक कम हैं, उनमें जांच कंप्लीट करे. उदाहरण के तौर पर जेई सिविल भर्ती परीक्षा. इसी तरह एक-एक करके पोस्ट कोड जांच से बाहर आते जाएंगे और सरकार इनका रिजल्ट घोषित करने को लेकर फैसला लेंगे. लोक सेवा आयोग ने फिलहाल जांच के अधीन वाले रिकार्ड को लेने से इनकार किया है, लेकिन अभी राज्य सरकार के स्तर पर भी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ था. मुख्य सचिव के स्तर पर हुई बैठकों में विजिलेंस ब्यूरो ने 18 से 19 पोस्ट कोड की भर्तियों में पेपर लीक होने पर अंदेशा जताया है.
चार पोस्ट कोड को लेकर एफआईआर हो चुकी हैं. कुछ और होने वाली हैं. हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में 50 से ज्यादा पोस्ट कोड की भर्तियां हुई थी, इसलिए जांच के दायरे में आए पोस्टकोड और जांच के दायरे से बाहर के पोस्ट कोड के रिजल्ट घोषित करने को लेकर लाखों युवा परेशान हैं. इनमें से जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817 और ड्राइंग मास्टर जैसे पोस्ट कोड में युवा मुख्यमंत्री से खुद भी मिल चुके हैं. इसके बाद ही विजिलेंस ब्यूरो को नए निर्देश जारी किए गए. जहां तक क्लास थ्री की भर्तियां शुरू करने की बात है, तो लोक सेवा आयोग को 2052 पदों की भर्ती शुरू करने का पत्र भेज दिया गया है. इनमें जेबीटी, फायरमैन, जूनियर ऑडिटर, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट, ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट जैसे कई पद हैं. यह पद इससे पहले हमीरपुर आयोग ने विज्ञापित किए थे, लेकिन लिखित परीक्षा नहीं हो पाई थी. इसके अलावा 816 पद ऐसे भी हैं, जिन्हें विज्ञापित ही नहीं किया जा सका था. इन पर भी लोकसेवा आयोग जल्द भर्ती करेगा.
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जांच एजेंसी का संतुष्ट होना जरूरी- मुख्य सचिव सक्सेना
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि पेपर लीक के मामलों में जांच एजेंसी का संतुष्ट होना जरूरी है. हमारे सामने तीन तरह की परिस्थितियां हैं. पहली परिस्थिति में ऐसे मामले हैं, जहां रिजल्ट घोषित होने के बाद नौकरी लोग लग गई है और अब पेपर लीक मिल रहा है. दूसरी परिस्थिति यह है कि पेपर लीक है, लेकिन रिजल्ट नहीं आया है और तीसरी परिस्थिति सिर्फ पेपर लीक के संदेह की है. तीनों ही परिस्थितियों में कैसे आगे बढ़ना है, यह जांच एजेंसी को बता दिया गया है.