नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। इसे यूनेस्को की अगुवाई में मनाया जाता है, ताकि शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके और निरक्षरता से निपटा जा सके। 2025 का विषय है “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना”, जो यह दर्शाता है कि डिजिटल क्रांति में हर व्यक्ति को सशक्त बनाना और किसी को भी पीछे न छोड़ना जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि तकनीकी प्रगति के बावजूद दुनिया में लाखों लोग अब भी बुनियादी पढ़ाई और लिखाई से वंचित हैं। यह दिन निरक्षरता के खिलाफ वैश्विक संघर्ष की याद दिलाता है।
2025 का विषय
यूनेस्को ने इस साल का आधिकारिक विषय “Promoting Literacy in the Digital Era” घोषित किया है। इस वर्ष का फोकस यह है कि साक्षरता कैसे डिजिटल विभाजन को पाट सकती है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं तकनीक के युग में समुदायों को सशक्त बना सकती है।
भारत में सबसे साक्षर राज्य
पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) 2023–24 के अनुसार, भारत का सबसे साक्षर राज्य मिजोरम है, जिसकी साक्षरता दर 98.2% है। अक्सर साक्षरता के मामले में उदाहरण के तौर पर सामने आने वाला केरल अब चौथे स्थान पर है, जिसकी साक्षरता दर 95.3% है। वहीं, लक्षद्वीप 97.3% साक्षरता के साथ सबसे साक्षर केंद्र शासित प्रदेश है।
पूर्वोत्तर का मिजोरम, जिसने 2011 की जनगणना में 91.33% साक्षरता दर्ज की थी, लगातार शिक्षा अभियानों और सामुदायिक पहल के जरिए सुधार कर रहा है। इस उपलब्धि ने मिजोरम को राष्ट्रीय साक्षरता में अग्रणी बना दिया है और अन्य राज्यों के लिए मिसाल पेश की है।
2024 में भारत के शीर्ष 10 साक्षर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश:
| क्रम | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | कुल साक्षरता दर |
|---|---|---|
| 1 | मिजोरम | 98.2% |
| 2 | लक्षद्वीप | 97.3% |
| 3 | नागालैंड | 95.7% |
| 4 | केरल | 95.3% |
| 5 | मेघालय | 94.2% |
| 6 | त्रिपुरा | 93.7% |
| 7 | चंडीगढ़ | 93.7% |
| 8 | गोवा | 93.6% |
| 9 | पुडुचेरी | 92.7% |
| 10 | मणिपुर | 92% |
मिजोरम की यह उपलब्धि दिखाती है कि लगातार प्रयास और सामुदायिक भागीदारी से शिक्षा के स्तर में सुधार किया जा सकता है।
