नई दिल्ली. देश में एक बार फिर से COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं और इसी के मद्देनज़र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। इसी कड़ी में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले मंत्रियों को RT-PCR टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, इस संबंध में अब तक कोई सरकारी अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह प्रोटोकॉल सावधानी के तहत अपनाया गया कदम है।
COVID Cases in India: कहां कितने एक्टिव केस?
स्वास्थ्य मंत्रालय के 11 जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार, देश में 7,121 एक्टिव कोविड-19 केस हैं। जानिए राज्यों में स्थिति:
राज्य | एक्टिव केस |
केरल | 2,223 |
गुजरात | 1,223 |
दिल्ली | 757 |
पश्चिम बंगाल | 747 |
महाराष्ट्र | 615 |
कर्नाटक | 459 |
उत्तर प्रदेश | 229 |
तमिलनाडु | 204 |
राजस्थान | 138 |
हरियाणा | 125 |
इसके अलावा मध्य प्रदेश (65), पंजाब (33), तेलंगाना (11), झारखंड (10), ओडिशा (41), और अन्य कई राज्यों में भी मामूली संख्या में एक्टिव केस मौजूद हैं।
RT-PCR Test Compulsory for Ministers: क्यों लिया गया ये फैसला?
PM Modi Health Protocol को देखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को RT-PCR Negative Report के बाद ही मुलाकात की इजाजत दी जा रही है।
यह निर्णय तब सामने आया है जब कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
क्या यह कोविड की नई लहर का संकेत है?
हालांकि अभी WHO या भारत सरकार की ओर से इसे कोई नई लहर घोषित नहीं किया गया है, लेकिन बढ़ते आंकड़े चिंता जरूर पैदा कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें कॉम्युनिटी स्प्रेड, क्लस्टर इंफेक्शन और वायरल ट्रेंड्स पर नजर बनाए हुए हैं।
सावधानी ही सुरक्षा है: क्या करें आम नागरिक?
भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
लक्षण दिखाई देने पर तुरंत टेस्ट कराएं।
वरिष्ठ नागरिक और कोमोरबिडिटी वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें।
वैक्सीनेशन की बूस्टर डोज़ लेना न भूलें।