नई दिल्ली: देशभर में Garib Rath Express को लेकर एक चर्चा तेज़ थी कि कहीं इसका नाम बदला तो नहीं जा रहा। लेकिन अब रेल मंत्री Ashwini Vaishnaw ने Lok Sabha में इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि गरीब रथ का नाम बदलने को लेकर कोई भी आधिकारिक प्रस्ताव या मांग रेल मंत्रालय को प्राप्त नहीं हुई है।
कांग्रेस सांसद ने उठाया सवाल
Congress MP Gurjeet Singh Aujla ने अमृतसर से सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या सरकार गरीब रथ नाम को लेकर बढ़ती public sentiment और यात्रियों की गरिमा (dignity) व आत्मसम्मान (self-respect) को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन का नाम बदलने की योजना बना रही है?
उन्होंने यह भी कहा कि ‘Garib Rath’ शब्द, जो पहले affordable AC travel का प्रतीक था, अब कई यात्रियों को अपमानजनक या अप्रासंगिक लगता है, खासकर उभरते Middle Class Passengers के लिए।
क्या बोले रेल मंत्री?
Ashwini Vaishnaw ने स्पष्ट किया कि रेल मंत्रालय को गरीब रथ ट्रेनों के नाम बदलने के संबंध में कोई अनुरोध या प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए फिलहाल इस नाम को बदलने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे का फोकस सभी वर्गों को affordable और quality services प्रदान करने पर है।
Indian Railways की Modern Services पर फोकस
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे लगातार नई और आधुनिक ट्रेन सेवाएं शुरू कर रही है जिनमें शामिल हैं: Vande Bharat Express, Amrit Bharat Trains Namo Bharat Rapid Rail Services इन ट्रेनों में यात्रियों को बेहतर सुविधा, उन्नत सुरक्षा तकनीक, और गति मिल रही है।
कितनी वंदे भारत ट्रेनें चालू हैं?
वर्तमान में Indian Railways के Broad Gauge Electrified Network पर कुल 144 Vande Bharat Trains संचालित हो रही हैं। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए non-AC modern trains के रूप में Amrit Bharat Express शुरू की गई है, जिनमें फिलहाल 14 सेवाएं चालू हैं।
Amrit Bharat Train की संरचना:
11 सामान्य डिब्बे,8 शयनयान डिब्बे,1 पेंट्री कार और 2 दिव्यांगजन सह सामान डिब्बे यह पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि रेलवे सिर्फ नाम नहीं, ग्राहकों की सुविधा और गरिमा दोनों पर काम कर रही है।