नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने अगले 40 वर्षों के लिए ambitiuous roadmap की घोषणा की है, जिसमें मानव Mars मिशन (Human Mars Mission) और Moon पर Crew Stations स्थापित करने की योजना शामिल है। इस रोडमैप का हिस्सा 3D-printed dwellings on Mars की भी योजना है, ताकि भविष्य में लाल ग्रह पर मानव उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। यह रोडमैप National Space Day 2025 के अवसर पर देशव्यापी चर्चा और परामर्श के बाद तैयार किया गया।
Moon पर Crew Station और Lunar Exploration
ISRO का लक्ष्य है कि 2047 तक Moon पर एक पूर्णत: स्वायत्त Crew Station स्थापित किया जाए। इसके तहत: Lunar terrain vehicles का संचालन खनिज और अन्य संसाधनों का निष्कर्षण Propellant depots की स्थापना, जो अंतरग्रहीय मिशनों और अंतरिक्ष यात्रियों की लंबी अवधि की Lunar Stay में मदद करेंगे
उन्नत Launch Vehicles का विकास
ISRO अपने launch vehicles को significantly अपग्रेड करने की योजना बना रहा है, ताकि भविष्य में 150-tonne payloads को एक ही मिशन में orbit में ले जाया जा सके। वर्तमान में GSLV Mark-III 4 टन payload को GTO (Geosynchronous Transfer Orbit) और 8 टन को LEO (Low Earth Orbit) तक ले जा सकता है।
ISRO Lunar Module Launch Vehicle (LMLV) का भी विकास कर रहा है, जो: 80 टन payload को LEO में और 27 टन को trans-lunar orbit में ले जाने में सक्षम होगा 119 मीटर ऊंचा होगा (लगभग 40 मंज़िला इमारत के बराबर)
2035 तक तैयार होने की उम्मीद है
इसका इस्तेमाल 2040 में पहले मानव Moon मिशन के लिए किया जाएगा
Bharatiya Antariksha Station और Human Spaceflight
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने 2023 में ISRO को निर्देश दिया कि 2035 तक Bharatiya Antariksha Station स्थापित किया जाए और 2040 तक एक भारतीय astronaut को Moon पर उतारा जाए। इसी दिशा में अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla का हालिया International Space Station मिशन और आगामी Gaganyaan मिशन इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
Deep Space Exploration का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने ISRO वैज्ञानिकों को निर्देश दिया है कि वे deep space missions की योजना बनाएं, ताकि ब्रह्मांड के रहस्यों को खोजा जा सके और मानवता के लाभ के लिए नए वैज्ञानिक डेटा एकत्र किए जा सकें।