महागठबंधन में खटास बढ़ती जा रही है. एक तरफ लालू यादव का पूरा परिवार भ्रष्टाचार के मामले में फंसता दिख रहा है वहीं दूसरी तरफ नीतीश अपनी साफ़–सुथरी छवि को लेकर चिंतित हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायक पटना में जदयू विधायक दल की बैठक बुलाई. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि भ्रष्टाचार के मामले में फंसे तेजस्वी यादव को अपने इस्तीफे पर सोचने के लिए चार दिन का समय दिया गया है. इस दौरान अगर राजद कोई फैसला नहीं लेती तो जदयू एक बार फिर से बैठक बुलाकर इसपर चर्चा करेगी.
जदयू के इस बयान के बाद, राजद ने चार घंटे का समय भी नहीं लिया और कहा कि तेजस्वी के इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता. इसी बीच तेजस्वी यादव का बचाव करते हुए लालू यादव ने कहा कि वह किसी कृपा के कारण उप मुख्यमंत्री नहीं बने हैं. उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. दूसरी तरफ राजद के विधायक ललित यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है और भ्रष्टाचार को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम हैं.
जदयू के वरिष्ठ नेता रमई राम का कहना है कि नीतीश कुमार ने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है इसलिए तेजस्वी यादव को फैसला लेने के लिए चार दिन का वक़्त दिया गया है.
एनबीटी के अनुसार राजद और जदयू में कलह को देखते हुए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने नीतीश कुमार से फ़ोन पर बात की. जिसमें नीतीश कुमार ने राहुल गाँधी ने समक्ष अपना पक्ष रखा.
 
								 
         
         
         
        