नई दिल्ली. झारखंड, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार आया है. नीति आयोग के मुताबिक इन तीन बड़े राज्यों में स्वास्थ्य के विभिन्न मापदंडो में सबसे अधिक प्रगति देखने को मिली है. शुक्रवार को नीति आयोग ने स्वास्थ्य इंडेक्स रैंकिंग रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि समेकित रूप से केरल, पंजाब और तमिलनाडु का बड़े राज्यों में सबसे ऊपर हैं.
नीति आयोग की ‘स्वस्थ्य राज्य और प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट के मुताबिक, “झारखंड, जम्मू और कश्मीर और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक प्रगति देखने को मिली है. शिशु मृत्यु दर, पांच साल से कम उम्र में बच्चों की मौत, सम्पूर्ण टीकाकरण कवरेज, अस्पतालों में डिलेवरी और एचआईवी संक्रमित के साथ व्यवहार के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की गई है.”
हालांकि जिन राज्यों में स्वास्थ्य की स्थिति पहले ही खराब है वहां तेजी के साथ सुधार दिखा है, जबकि पहले से विकसित राज्यों के लिए उच्च विकास दर हासिल करना मुश्किल रहा है.

छोटे राज्यों में मिजोरम ने टॉप रैंकिंग हासिल किया है. वहीं मणिपुर ने सबसे तेजी से स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रगति के साथ दूसरा स्थान बनाया है. एक साल के प्रदर्शन में गोवा का नंबर पहला है.
केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप ने सबसे बढ़िया प्रगति करते हुए पहला स्थान हासिल किया है.
रिपोर्ट जारी करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि यह राज्यों के बीच में आपसी सहयोग और प्रतियोगी महौल बनाकर स्वास्थ्य के लक्ष्यों को पूरा करना है. उन्होंने कहा कि यह राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए प्रेरित करेगा.
यह रैंकिग राज्यों को बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटकर किया गया है ताकि प्रतियोगिता को व्यवहारिक रखा जा सके.
नीति आयोग ने कहा कि स्वास्थ्य परिणाम (70 फीसदी), शासन और सूचना (12 फीसदी), और प्रोसेस (18 फीसदी) तीनों को मिलाकर इंडेक्स को बनाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक तिहाई राज्यों में 2015 के मुकाबले 2016 का प्रदर्शन कमजोर रहा है. नीति आयोग ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डोमेन के हिसाब से हस्तक्षेप करने की सलाह दी है.