मंडी (जोगिंद्रनगर). जिला मंडी के तहत उपमंडल जोगिंद्रनगर आज भी हिमाचल पथ परिवहन बस डिपो के लिए तरस रहा है. वर्ष 1980 से यहां की जनता लगातार जोगिंद्रनगर में हिमाचल पथ परिवहन का बस डिपो बनाने की जोरदार मांग कर रही है. यहां से मुख्यालय मंडी लगभग 65 किलोमीटर दूर पड़ता है. लेकिन, बीच में कोई बस डिपो नहीं है.
वहीं, कांगड़ा जिले में लगभग 15 किलोमीटर के बीच में बैजनाथ-पालमपुर और लगभग बीस किलोमीटर पर नगरोटा में बस डिपो की सुविधा है.
हर बार चुनावों के दौरान सभी पार्टियों के नेता जोगिंद्रनगर को बस डिपो का वादा करते हैं और जनता को खूब प्रलोभन भी दिए जाते हैं. लेकिन, आज तक इस ओर धरातल पर किसी भी पार्टी के नेता ने कारगर कदम नहीं उठाये हैं.
जोगिन्द्रनगर से 285 बसों की आवाजाही
इस समय जोगिंद्रनगर बस अड्डा से 285 बसों की आवाजाही होती है. जबकि यहां के लोकल रूट पर बैजनाथ डिपो की लगभग 25 बसें चल रही हैं. क्षेत्र में कॉलेज, स्कूल और आईटीआई के लगभग 4500 विद्यार्थियों के पास बनाए गए हैं. आबादी के हिसाब से भी उपमंडल जोगिंद्रनगर क्षेत्र लगभग 90 हजार की आबादी को समेटे हुए है.
यहां के अधिकांश लोग दूसरे राज्यों में काम करते हैं. जोगिन्द्रनगर में डिपो नहीं होने से उन्हे गंतव्य तक पहुंचने के लिए मंडी या फिर बैजनाथ का रुख करना पड़ता है.
वर्ष 2002 में गुलाबसिंह ठाकुर ने जोगिंद्रनगर बस अड्डा को ट्रैफिक डिपो का दर्जा दिलवाया था. लेकिन, उसके बाद भी यहां पर हिमाचल पथ परिवहन का बस डिपो नहीं बन पाया. हाल ही में चुनावों से चार माह पहले कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष जीवन ठाकुर ने भी इसे बस डिपो बनाने की मुख्यमंत्री से लिखित मांग की लेकिन क्षेत्र के लोगों की मांग पूरी नहीं हो सकी.
क्षेत्र की जनता पंडित रामप्रसाद, समाजसेवी शंभुराम, अश्वनी ठाकुर, जोगिंद्रसिंह ठाकुर, बुद्धि सिंह, अर्जुन ठाकुर, अजय सूद, हरीसिंह, ज्ञानचंद, तथा भिंद्र ठाकुर के अनुसार यदि जोगिंद्रनगर के पास अपना बस डिपो बन जाता है तो दूसरे राज्य में काम कर रहे लोगों को यहां आने-जाने की सुविधा रहने के साथ ही यहां की जनता को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे.
 
								 
         
         
         
        