रांची. देवघर कोषागार से साल 1991 से 1994 के बीच फंड की जमकर लूट हुई. इसमें मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक शामिल रहे. इस दौरान निगरानी जांच समेत अन्य जांच को भी दबाया गया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने जजमेंट बुक में कहा गया है कि कोषागार से तीन स्तर पर अवैध निकासी हुई.
जजमेंट बुक में कहा गया है कि 1991 से 1994 के बीच 95 लाख आठ हजार 140 रुपये की निकासी हुई है. निचले स्तर पर बिना आपूर्ति के ही फंड की निकासी होती रही. इसके लिये फर्जी बिल बनाये गये. लोक लेखा समिति, पशुपालन विभाग के अधिकारी और राजनेताओं के संरक्षण में यह सब हुआ.
जजमेंट बुक में कहा गया है कि जिला पशुपालन पदाधिकारी शेषमुनी राम ने जानबूझकर दस्तावेजों को बर्बाद कर दिया. उन्होंने जाली आवंटन पत्र के आधार पर सरकारी स्तर पर सेटिंग कर पैसा निकलवाने का काम किया. बुक में कहा गया है कि अभियुक्तों ने सोच समझकर फर्जी तरीके से बिल निकासी को अंजाम दिया है.