कुल्लू. औट-लूहरी नेशनल हाईवे 305 के बीच 990 करोड़ की लागत से जलोड़ी जोत में 4.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनने की योजना अभी तक फाइलों में ही दफन होकर रह गई है. इसके लिए अभी तक किसी भी नेता ने पहल नहीं की है. चुनावों के दौरान ही नेताओं को जलोड़ी जोत टनल याद आती है. क्षेत्र के लिए वर्षों से यह टनल सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है.
‘नेता जनता को बेवकूफ बनाते हैं’
जिसके कारण सिराज की जनता में भारी रोष पनप रहा है. लोगों का कहना है कि टनल के नाम पर आनी की जनता को अभी तक नेता बेवकूफ बनाते आए हैं, भाजपा के लोग कहते हैं टनल के भाजपा का योगदान है जबकि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि कांग्रेस सरकार ने इसके लिए पहल की है.
जलोड़ी जोत टनल बनने से कुल्लू, मनाली की जनता और पर्यटकों को शिमला व किन्नौर पहुंचने में काफी आसानी होगी व समय की भी बचत होगी. पर्यटन की दृष्टि से भी बंजार, आनी क्षेत्र विकसित होंगे और दो प्रमुख पर्यटन नगरों शिमला, मनाली के लिए जलोड़ी जोत टनल में पर्यटन के नए आयाम स्थापित होंगे.
टनल बनने पर शिमला से मनाली की दूरी होगी कम
इस टनल के बन जाने से शिमला से मनाली की दूरी 40 से 45 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस टनल के निर्माण पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा. इस रूट से पर्यटक बंजार आनी का आनंद भी ले सकेंगे। टनल बनने से लूहरी से औट की दूरी भी करीब 45 किलोमीटर कम होगी. लूहरी से औट की दूरी 97 किलोमीटर है.