कांगड़ा(बैजनाथ). एक ओर जहां प्रदेश के सिविल अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात कही जाती है, वहीं दूसरी ओर विभाग में ऐसे डाक्टर भी है जिनका पीएचसी से मोह नहीं छूट रहा है. फिर चाहे विभाग की ओर से रिलीविंग ऑर्डर जारी हुए हों.
कुछ माह पहले बैजनाथ में डॉक्टर की कमी को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मैगजीन स्थित पीएचसी से एक डाक्टर को रिलीव कर बैजनाथ में ड्यूटी ज्वाईन करने के आदेश जारी किया गया था. लेकिन उक्त डॉक्टर ने उन आदेशों को मानने से इंकार कर दिया व मैडीकल लीव पर जाने के बाद अब ट्रिब्यूनल कोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर की है.
आ रही है लोगों को परेशानी
इसे डॉक्टर की मनमानी कहें या इसके पीछे कोई और कारण है, लेकिन इसका खामियाजा दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को उठाना पड़ रहा है. डॉक्टर की मनमानी के चलते संबंधित विभाग भी अब बेबस नजर आने लगा है.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा चुनावी वर्ष के फरवरी माह में बैजनाथ सिविल अस्पताल को 100 बेड करने की अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके बाद लोगों में आस जगी थी कि अब बैजनाथ में स्टाफ की कमी दूर होगी व उन्हें स्वास्थ्य की सुविधाएं बेहतर मिलेगी. लेकिन इसके बावजूद मैगजीन पीएचसी से रिलीव हुआ डॉक्टर बैजनाथ जाने को तैयार नहीं है.
क्या कहते हैं बीएमओ महाकाल
इस बारे एसएमओ डॉ विवेक सूद ने बताया इस बाबत मामला आलाधिकारियों को बता दिया गया है.
सीएमओ का बयान
उधर, सीएमओ डा रविंद्र राणा ने बताया कि विभाग की ओर से उक्त डॉक्टर को रिलीव किया जा चुका है. लेकिन उसने याचिका ट्रिब्यूनल कोर्ट में दायर की गई है व माननीय कोर्ट ने सेक्रेटरी हैल्थ से इस बाबत जवाब मांगा है. जिसके चलते विभाग आगामी आदेश आने के बाद ही कुछ कारवाई कर सकेगा.