धर्मशाला. 8 और 9 जुलाई को होने वाली कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक (केसीसी बैंक) भर्ती परीक्षा पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं. बैंक में होने वाली भर्ती का मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है. बीते शुक्रवार को एक और याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. यह याचिका केसीसी बैंक के पूर्व डॉयरेक्टर रणजीत राणा और हेड एडवोकेट अनिल जसवाल ने दायर की है. कोर्ट ने भी इस याचिका पर गौर करने के बाद इसे जनहित के तौर पर स्वीकार कर लिया है.
केसीसी बैंक के चेयरमैन जगदीश सिपहिया ने कहा कि परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने जो आदेश दिया है वे उसका सम्मान करते हैं. उन्होनें कहा कि जो कागजात कोर्ट ने मांगे है वह बैंक के पास है और जल्द ही कोर्ट को मुहैया करवा दिए जाएंगे और बैंक परीक्षा समय अनुसार को ही होगी. एक महीने के भीतर परीक्षा का परिणाम निकाल कर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा. उन्होनें विपक्ष पर गन्दी राजनीति कर युवाओं को रोज़गार से वंचित करने का आरोप लगाया.
रणजीत राणा और अनिल जसवाल का कहना है कि वर्तमान में केसीसी बैंक भर्ती बोर्ड ने आरबीआई के नियमों को दरकिनार किया है आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी बैंक की नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) 12 फीसदी से ज्यादा है तो वह बैंक न तो कोई नई शाखा खोल सकता है और न ही कोई नई भर्ती कर सकता है. शिक्षा बोर्ड मात्र शिक्षा विभाग व स्कूल से संबद्ध परीक्षा ही ले सकता है. बोर्ड के माध्यम से बैंक की भर्ती करवाना कई सवाल खड़े करता है.