नई दिल्ली. देश भर के विभिन्न राज्यों से आए हजारों पुरुष और महिला किसानों ने आज राजधानी के जंतर मंतर पर ‘किसान मुक्ति संसद’ का संचालन किया. दो दिन के इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले भारत के 184 किसान संगठन एकजुट होकर, कर्ज से मुक्ति और उपज के वाजिब समर्थन मूल्य की मांग के साथ उतरे हैं.
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दूरदराज के राज्यों से किसानों का जुटान दिल्ली के रामलीला मैदान में परसों से ही शुरू हो गया था. आज सुबह आन्दोलनकारी किसानों ने रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक जुलूस निकाला और फिर ‘किसान मुक्ति संसद’ की कार्यवाही शुरू की.

किसानों के लिए ठोस कदम उठाने की मांग
कृषि के लगातार घाटे का सौदा बनते जाने और बढ़ती किसान आत्महत्याओं के बीच किसान संगठनों ने मांग की कि सरकार कर्ज में डूबे किसानों और कृषि की हालत में सुधार के लिए ठोस कदम उठाये. सभी प्रमुख पार्टियों के किसान संगठनों के अलावा वामपंथी दलों और स्वराज अभियान के नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की. अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मुल्ला, स्वराज अभियान के योगेन्द्र यादव, अखिल भारतीय किसान महासभा के राजाराम सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव अतुल अनजान, कर्नाटक राज्य रैय्यत संघ की चुक्की नन्जुन्डास्वामी, महाराष्ट्र के किसान नेता और सांसद राजू शेट्टी के अलावा मेधा पाटकर और कई जाने माने लोग कार्यक्रम में शामिल हुए.

समन्वय समिति के संयोजक वी एम सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों को शाम पांच बजे तक किसान संसद में आने, और किसानों से बात करने का न्योता भेजा है. कार्यक्रम कल 21 नवम्बर को भी जारी रहेगा.