नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज देश में विश्व के सबसे बड़े कोरोना टीकाकरण का अभियान शुरू किया. मौजूदा योजना में 3 करोड़ लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जा रहा है.
टीकाकरण अभियान के पहले दिन शनिवार (16 जनवरी) को 3 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 वैक्सीन लगाई जाएगी.
भारत में कौन-कौन सी वैक्सीन है और उनकी कीमत क्या है
भारत के ड्रग नियंत्रक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कि गई कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सिन (Covaxin) को मंजूरी दी है. ये पहले ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पहुंचा दिए गए हैं.
कोवीशिल्ड और कोवैक्सिन की एक खुराक की कीमत भारत में 200+ टैक्स (कोविशील्ड) से 295+टैक्स (कौवैक्सिन) रुपये है. जबकि सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने भी कहा है कि बाजार में वैक्सीन की कीमत 1,000 रुपये हो सकती है.
क्या वैक्सीन के कोई दुष्प्रभाव हैं?
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोनों टीकों के टीकाकरण के बाद हल्के दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी दी है. कोविशील्ड के मामले में दर्द, सिरदर्द, थकान, मायलागिया, मलाइज, पाइरेक्सिया, ठंड लगना और आर्थ्राल्जिया और मतली जैसे कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं.
वहीं कोवैक्सिन के मामले में सिरदर्द, थकान, बुखार, शरीर में दर्द, पेट में दर्द, मतली और उल्टी, चक्कर आना, कंपकंपी, पसीना, सर्दी, खांसी और इंजेक्शन लगने वाली जगह पर सूजन हो सकता है. कुछ परिस्थतियों में पैरासीटामॉल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
डोज की मिक्सिंग नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने राज्यों को लिखा था, ‘दूसरी खुराक भी उसी कोरोना वैक्सीन की होनी चाहिए, जो पहली खुराक के रूप में दी गई थी. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनो वायरस की वैक्सीन को केवल 18 साल और उससे अधिक के लिए आपातकालीन यूज की मंजूरी मिली है.
किसको पहले मिलेगी वैक्सीन?,
सबसे पहले वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों को मिलेगी क्योंकि उनको संक्रमण की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है. इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन होगा. आखिर में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और 50 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा.
क्या है CO-WIN एप्लीकेशन?
CO-WIN एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसे कोरोना टीका वितरण की निगरानी के लिए बनाया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यह एंटी-कोरोनावायरस वैक्सीनेशन ड्राइव की नींव तैयार करेगा. ऐप को लोगों द्वारा टीकाकरण प्रक्रिया के लिए खुद को रजिस्टर करने में सक्षम बनाने के लिए भी डिजाइन किया गया है. हालांकि, इसमें कुछ समय लगेगा क्योंकि टीकाकरण की मौजूदा योजना में स्वास्थ्य कर्मियों समेत सिर्फ 3 करोड़ लोग शामिल हैं.
को-विन ऐप पांच मॉड्यूल पर आधारित
सरकार ने बताया था कि देश में एंटी कोविड वैक्सीन की ट्रैकिंग और रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के लिए को-विन ऐप पांच मॉड्यूल, मतलब – एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, वैक्सीनेशन मॉड्यूल, बेनफिशीएरी अकनॉलेजमेंट मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल के साथ बनाया गया है.
मोबाइल ऐप eVIN (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) का भी अपडेटेड वर्जन है. यह Google Play Store और Apple App Store के जरिए मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकेगा.