नई दिल्ली. सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा के साथ पांच लाख का जुर्माना लगाया है. जब अदालत अपना फैसला सुना रही थी उसी समय लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने उनके नाम एक पत्र जारी किया. इसे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के ट्विटर एकाउंट से भी शेयर किया गया है.
तेजस्वी ने कहा कि यह पत्र बिहार के जनता के नाम लिखा गया है. उन्होंने कहा, ”आप सबों के नाम ये पत्र लिख रहा हूं और याद कर रहा हूं अन्याय और गैर बराबरी के खिलाफ अपने सफ़र को… सोच रहा हूं अपने दलित पिछले और अत्यंत पिछड़े जनों के बाकी बचे अधिकारों की लड़ाई को.”
लालू प्रसाद यादव ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हे और उनके परिवार को डराया गया. वे चिट्ठी में लिखते हैं, ”मैं किसी से डरकर नहीं, डटकर लड़ाई लड़ता हूं. मैं आंख में आंख नहीं जरूरत पड़ने पर आंखों में उंगली डालकर भी बात करना जानता हूं.” उन्होंने चिट्ठी में लिखा, ‘लालू आज भी ज़मीन पर ग़रीब के बीच रहता है और देखता है कि किस तरह लोगों को सताया जा रहा है. इन लोगों की परेशानी मुझे चैन से सोने नहीं देती.”
आप सबों के नाम ये पत्र लिख रहा हूँ और याद कर रहा हूँ अन्याय और ग़ैर बराबरी के खिलाफ.. pic.twitter.com/PMTrOU8GB8
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 6, 2018
लालू प्रसाद यादव ने पत्र में कर्पूरी ठाकुर के नाम का जिक्र करते हुये कहा है कि सामंतवादी शक्तियां न्याय के नाम पर अन्याय करती रही हैं. वे लिखते हैं, ”इतिहास गवाह है कि मनुवादी सामंतवाद की शक्तियां कहां कहां और कैसे सक्रिय होकर न्याय के नाम पर अन्याय करती आई हैं. शुरू से ही इन शक्तियों को हजम नहीं हुआ कि एक पिछड़े गरीब घर का बेटा दुनिया को रास्ता दिखाने वाले बिहार जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बने. यही जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ हुआ.”
वे जेपी आंदोलन को याद करते हुये लिखते हैं, ”लालू का रास्ता सच के लिए संघर्ष का रास्ता है. इसलिए जनता ही जनार्दन है और उसकी बेहतर ज़िंदगी ही मेरे जीवन का ध्येय है ना कि कुर्सी. यही वजह है कि आडवाणी का रथ रोकते हुए मैंने सत्ता नहीं देखी थी. मेरे ज़मीर ने कहा कि ये रथ बिहार के भाईचारे को कुचलता है तो रोक दिया रथ.”
एक ट्विटर यूजर ने लिखा,
जब भी बिहार की सियासत में रीढ़ वाले नेताओं की लिस्ट बनेगी, लालू प्रसाद का नाम टॉप पर होगा।
– राजेश कुमार
— Jayant Jigyasu (@jayantjigyasu) January 5, 2018
इसे लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्विटर एकाउंंट से भी शेयर किया गया है.
AR Kidwai ,Dev Gauda were not Bjp men when Lalu was prosecuted in Fodder Scam.H Court was monitoring the case .Lalu went to jail during his own rule .Where is bias ?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 6, 2018
पक्षपात पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लिखा, ”हमने लालू पर जो आरोप लगाए थे सच साबित हुए. सजा तो सजा होती है चाहे साढ़े तीन साल हो या सात साल.” दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”जब लालू पर चारा घोटाला मामले में केस चल रहा था तब एआर किदवई और देव गौड़ा बीजेपी के लोग नहीं थे. हाईकोर्ट इस मामले को मॉनिटर कर रहा था. लालू अपने शासन काल के दौरान जेल गए. इसमें पक्षपात कहां से आ गया?”