जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनावों में नैया पार लगाने लिए कांग्रेस ने भी भगवा का दामन थाम लिया है. सीएम अशोक गहलोत व प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मौजूदगी में कांग्रेस वार रूम में मां अनादि सरस्वती ने कांग्रेस ज्वाइन की.
इनका असली नाम ममता कालानी है और ये मूल रूप से सिंधी समाज से आती हैं. इससे पहले कालानी बीजेपी कार्यकर्ता थीं, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद हाल-ही में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया.
कांग्रेस ममता कालानी को अजमेर नॉर्थ सीट पर भाजपा के दिग्गज मंत्री वासुदेव देवनानी के सामने उतारना चाहती है. ये सीट कांग्रेस लंबे समय से नहीं जीत पाई है. क्योंकि यहां सिंधी वोटर्स का वर्चस्व है. इसलिए अब कांग्रेस ने भी देवनानी के सामने एक पापुलर सिंधी चेहरे को उतारने की तैयारी कर ली है.
गहलोत साहब पाखंडी नहीं- साध्वी
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण के बाद साध्वी अनादि सरवस्ती ने कहा कि मेरे जीवन में आज का दिन क्रांतिकारी है. उन्होंने कहा कि जिस विषय में मैं काम कर रही हूं गहलोत साहब भी उसे कर रहे हैं. साधवी बोलीं कि बाकी कुछ लोग सिर्फ कहते हैं।लेकिन गहलोत कहते भी हैं और करते भी हैं.
उन्होंने कहा कि संत राजनीति से ऊपर होता है. विश्व को परिवार मानकर मान मात्र की सेवा ही धर्म होता है. इससे फर्क नहीं पड़ता कि मंच कौन सा है. उन्होंने कहा कि हम गौ, गंगा गायत्री और गीता से हिन्दू हैं. कहने से कोई गौ भक्त नहीं होता, गहलोत साहब पाखंड नहीं करते, जहां पाखंड है वहां धर्म नहीं होता.
धर्म की राजनीति अब नहीं चलेगी- CM गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि अब धर्म के नाम पर उनकी राजनीति नहीं चलेगी. कांग्रेस की नीति सिद्दांत है उसी ने देश को एक रखा है. सभी जाति धर्म सम्मान हो, कांग्रेस भी गौ भक्त है, हिंदू हैं. लेकिन माहौल बनाया हम विरोधी हैं.
यूपी के सीएम योगी के बयान पर सीएम गहलोत ने पटलवार करते हुए कहा कि ये मुद्दे और हमारी गारंटियों से भटका रहे हैं. कर्नाटक में भी बजरंग बली का नाम आया था, जनता ने अस्वीकार किया अब राजास्थान की बारी है, सीएम ने कहा कि संत किसी की बपौती नहीं होते हैं.