घुमारवीं(मेहरी काथला पंचायत). गांव निउं के 74 वर्षीय कथावाचक अमर नाथ शर्मा के निधन पर उनकी बेटी ने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए चिता को मुखाग्नि दी. उनकी छोटी बेटी मधुबाला ने पुत्र की भांति सभी अंतिम संस्कार पूरे किये.
अमरनाथ शर्मा पिछले कुछ दिनों से कैंसर से पीड़ित थे. मरने से पहले उन्होंने गांव वालों से अपनी अंतिम इच्छा बतायी कि मुखाग्नि उनकी बेटी ही दे. इसके बाद रविवार को उनकी मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रिया उनकी बेटी मधुबाला के द्वारा पूरी की गई.
अमरनाथ शर्मा की दो पुत्रियां हैं. बड़ी बेटी अंजू एम कॉम की छात्रा हैं जबकि छोटी बेटी मधुबाला बी. ए. अंतिम वर्ष में पढ़ रही है. छोटी बेटी मधु बाला ने सामाजिक परम्पराओं को तोड़कर पिता की अंतिम इच्छा को पूरा किया.
बेटी द्वारा किये गए इस अंतिम संस्कार के बाद क्षेत्र में इस साहसिक काम की काफी चर्चा हो रही है. ग्राम सुधार सभा के प्रधान अजय रतन ने बताया कि अभी कुछ माह पूर्व मृतक अमरनाथ द्वारा गांव में श्मशान घाट बनाने के लिए 2 बिस्वा भूमि दान में दी गई जिस पर लगभग 3 लाख रुपये की राशि ग्रामीणों द्वारा खर्च कर श्मशान घाट का निर्माण किया गया. इसे विडंबना ही कहेंगे कि श्मशान घाट के निर्माण के उपरांत उस पर पहली चिता अमरनाथ की ही जली.
इस निधन पर बीडीसी के पूर्व अध्यक्ष ज्ञान चन्द रत्तन, पूर्व प्रधान ईश्वर दास, पूर्व उप प्रधान नरोत्तम राम शर्मा, बलबीर सिंह, जेडी शर्माबी डी सी सदस्य सतीश ठाकुर, पूर्व प्रधान उर्मिला सहित क्षेत्र के लोगों ने शोक व्यक्त किया है.