नई दिल्ली. गुजरात की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार के सभी मंत्रियों ने मंत्रिमंडल विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि मौजूदा 16 में से केवल 7 से 10 मंत्री ही दोबारा जगह पा सकते हैं, जबकि बाकी पदों पर नए चेहरे शामिल किए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, गुजरात मंत्रिमंडल का आकार बढ़ाकर 26 सदस्यों तक किया जाएगा। नया Gujarat Cabinet शुक्रवार सुबह 11:30 बजे गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में शपथ लेगा। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहेंगे।
नई टीम में युवा और अनुभवी नेताओं का संतुलन
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का उद्देश्य नई टीम में युवा और अनुभवी दोनों तरह के नेताओं को जगह देकर सभी जातियों और क्षेत्रों का संतुलन बनाए रखना है। इसके लिए गुरुवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर अहम बैठक हुई, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव सुनील बंसल भी शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि बंसल और मुख्यमंत्री पटेल ने प्रत्येक मंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्हें केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय की जानकारी दी और उनका इस्तीफा लिया।
पार्टी की ‘रीस्ट्रक्चरिंग स्ट्रैटेजी’
भाजपा नेताओं के अनुसार, यह कदम संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर आगामी राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की रणनीति का हिस्सा है।
गुजरात भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा ने इस पूरी प्रक्रिया का समन्वय किया और नेतृत्व का संदेश मंत्रियों तक पहुंचाया। माना जा रहा है कि यह फेरबदल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा है।
AAP फैक्टर और नगर निकाय चुनावों की चुनौती
भाजपा का यह निर्णय Aam Aadmi Party (AAP) के बढ़ते प्रभाव और निकट भविष्य में होने वाले municipal polls को ध्यान में रखकर लिया गया है।
AAP नेता गोपाल इटालिया, जो 2015 के पटेल आरक्षण आंदोलन से सुर्खियों में आए थे, इन दिनों लेउवा पटेल समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
इसी कारण से माना जा रहा है कि भाजपा अब सौराष्ट्र क्षेत्र में युवा चेहरों को बढ़ावा देगी। इनमें रिवाबा जडेजा, जयेश रडाडिया और उदय कांगड जैसे विधायक प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।
अल्पेश ठाकोर को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
सूत्रों का कहना है कि अल्पेश ठाकोर, जो कांग्रेस छोड़कर 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे, उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
कोली समुदाय से आने वाले ठाकोर का जनाधार काफी बड़ा है — यह समुदाय राज्य की लगभग 24% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
ठाकोर ने गांधीनगर साउथ सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और पार्टी में उनकी स्थिति लगातार मजबूत हुई है।
कुल मिलाकर, गुजरात भाजपा का यह कदम न केवल संगठनात्मक मजबूती बल्कि राजनीतिक समीकरणों को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। शुक्रवार को होने वाला शपथग्रहण, भाजपा के ‘नए गुजरात मिशन’ की दिशा तय करेगा।
