नई दिल्ली. भारत ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश ने 1.54 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक डिफेंस प्रोडक्शन दर्ज किया है। यही नहीं, रक्षा निर्यात में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। वर्ष 2024-25 में रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो वर्ष 2014 में मात्र 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था। यह आंकड़े भारत की तेजी से बढ़ती रक्षा क्षमता और वैश्विक रक्षा बाजार में उसके मजबूत होने का संकेत देते हैं।
डिफेंस सेक्टर में उछाल क्यों? सरकार की बड़ी भूमिका
डिफेंस मंत्रालय के अनुसार, पिछले एक दशक में सरकार द्वारा की गई कई नीतिगत पहल और भारी बजटीय आवंटन इस बढ़ोतरी की बड़ी वजह हैं। रक्षा बजट 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने जैसे कदमों ने देश की मिलिट्री इंडस्ट्रियल बेस को मजबूत बनाया है। कई आधुनिक हथियार प्रणालियों, गोला-बारूद, मिसाइल, आर्म्ड व्हीकल्स, एयरोस्पेस और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में भारत ने तेजी पकड़ी है।
डिफेंस एक्सपोर्ट में लगातार ग्रोथ
भारत के रक्षा निर्यात पिछले 10 वर्षों में 20 गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। अब भारत न सिर्फ अपनी रक्षा जरूरतें पूरी कर रहा है, बल्कि कई देशों को अत्याधुनिक हथियार, उपकरण, मिसाइल सिस्टम और सुरक्षा तकनीक भी निर्यात कर रहा है।
2029 तक क्या है सरकार का लक्ष्य?
सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं—
3 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य
50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य
यह लक्ष्य भारत को वैश्विक स्तर पर एक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करेगा। इसके साथ ही देश की GDP में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।
कौन-से सेक्टर हो रहे हैं सबसे मजबूत?
मिसाइल सिस्टम (BrahMos जैसे प्रोजेक्ट)
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Tejas Mk-1A)
ड्रोन और UAV टेक्नोलॉजी
अर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS)
नौसेना के युद्धपोत और पनडुब्बियां
डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार सिस्टम
इन क्षेत्रों में निजी और सरकारी कंपनियों ने मिलकर बड़े स्तर पर उत्पादन बढ़ाया है।
कौन-सी कंपनियां कर रही हैं शानदार प्रदर्शन?
HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड)
BEL (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड)
BEML
DRDO के सहयोग से कई निजी कंपनियां जैसे टाटा, लार्सन एंड टुब्रो (L&T), अदानी डिफेंस
महिंद्रा डिफेंस और Kalyani Group
इन कंपनियों के कारण भारत की क्षमता और उत्पादन क्षमता में जबरदस्त विस्तार हुआ है।
भारत का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन और निर्यात न केवल देश की रणनीतिक ताकत बढ़ा रहा है, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी बना रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान और लगातार सरकारी प्रोत्साहन की बदौलत आने वाले वर्षों में भारत विश्व के शीर्ष रक्षा निर्यातक देशों में शामिल हो सकता है।
