हमीरपुर(भौरंज). उन्नत किसानों का तोहू गांव सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गया है. किसानों की मेहनत रंग लाई और उनकी तारीफ करने से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रह नहीं पाए. उन्होंने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस गांव का जिक्र किया. मोदी ने इस गांव की उन्नत किसानी की कहानी पूरे देश को सुनाई. इस प्रशंसा की सबसे बड़ी वजह बनी किसानों की अलग सोच. गांव के किसान ने कृषि विभाग के सॉयल हैल्थ कार्ड से जमीन की गुणवत्ता की जांच करवाई और उसके मुताबिक खेती शुरु कर दी. जिसके परिणाम स्वरूप किसानों ने अधिक पैदावार का रिकॉर्ड बना कर सबको चौंका दिया.
एक समय था जब किसान छोड़ना चाहते थे किसानी
प्रधानमंत्री द्वारा की मन की बात में की गई तोहू गांव की प्रशंसा से ग्रामीण जैविक खेती की तरफ और प्रोत्साहित हुए हैं. हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में भोरंज के इसी गांव की चर्चा है. गांव के भागीरथ ने बताया कि कुछ वर्ष पहले यहां की जमीन में किसी भी फसल की उम्मीद के अनुसार पैदावार नहीं हो रही थी. किसान कई तरह के खाद का प्रयोग कर चुके थे. एक समय ऐसा आ गया जब किसानों ने खेतीबाड़ी छोड़ने का मन बना लिया.

सॉयल हेल्थ कार्ड ने बदली तकदीर
गांव के कुछ लोगों ने कृषि विभाग से सलाह मशवरा किया. इसके बाद सभी किसानों ने सॉयल हेल्थ कार्ड बनवाए. अपनी जमीन की गुणवत्ता की जांच करने के बाद पता चल कि जमीन में पैदावार के लिए सही उर्वरक नहीं डाले गए हैं. उसके बाद कृषि विभाग के निर्देशानुसार जैविक खेती शुरू की गई. एक ही साल में चौंकाने वाले परिणाम सामने आ गए. किसानों की पैदावार में काफी वृद्धि हो गई थी. इसके बाद गांव के सभी लोगों ने जैविक खेती शुरू कर दी.
सुधरने लगी किसानों की माली हालत
गांव की सीता देवी का कहना है कि जैविक खेती करने से उनकी माली हालत सुधरी है. बीते वर्षों के मुकाबले अब तीन गुणा अधिक पैदावार हो रही है. लोग खेतों में उगाई सब्जियां मंडी में जाकर बेच रहे हैं. जैविक तरीके से उगाई गई सब्जियों के उन्हें अच्छे दाम मिल रहे हैं. जगदीश चंद का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा तोहू गांव का नाम ‘मन की बात’ में लिया जाना ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. उनका कहना है कि सभी किसानों को जैविक खेती को अपनाना चाहिए.
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