मंडी(धर्मपुर). हिमाचल प्रदेश में चुनाव आयोग ने दो माह से विकास कार्य ठप कर दिए हैं. वहीं एक अजीबोगरीब फैसला मण्डी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लिया है. जिसके तहत 7 दिसंबर को डरवाड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होने वाला रक्तदान शिविर रद कर दिया गया है. इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि अभी प्रदेश में आचार संहिता लागू है.
21 नवंबर को मिली थी मौखिक अनुमति
जिला परिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 21 नवंबर को मंडी में सीएमओ ऑफिस में जाकर, डरवाड़ में जनवादी नौजवान सभा के सहयोग से रक्तदान शिविर आयोजित करने की अनुमति मांगी थी. उस दिन उन्हें 7 दिसंबर को यह कैम्प आयोजित करने की मौखिक अनुमति मिल गई थी. जिसके बाद 40 नौजवान भी रक्तदान के लिए तैयार हो गए थे. इस कैम्प के प्रचार प्रसार के लिए पोस्टर इत्यादि भी छापे गए थे. वहीं एक दिन पहले इस कैम्प को आयोजित ना करने के बारे में पत्र मिलने से लोगों में रोष है.
क्या 20 दिसंबर तक नहीं पड़ेगी खून की जरूरत
इसके बाद भूपेन्द्र सिंह ने सवाल पूछा है कि क्या 9 अक्टूबर से 20 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में किसी को खून की जरुरत नहीं पड़ी? और यदि पड़ी तो क्या इतना खून ब्लड बैंक में उपलब्ध है? जबकि यह सब को पता है कि बीमार व्यक्ति को खून की जरूरत कभी भी पड़ सकती है और उसके लिए रक्त दान करवा कर पूरा किया जाता है.