शिमला: हिमाचल में भारी बारिश से तबाही का दौर थमने के बाद अब जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. भूस्खलन से बाधित चल रहा एकमात्र नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू भी बहाल हो गया है. बिजली, पानी की आपूर्ति भी बहाल होने लगी है.
कुल्लू में सेब-सब्जियों से भरे फंसे हजारों छोटे-बड़े वाहन निकाल दिए हैं. जिले में पेट्रोल-डीजल के 20 टैंकर पहुंच गए हैं. राजधानी शिमला में शिविरों में रह रहे लोग अब अपने घरों में लौटने लगे हैं.
स्कूल, कॉलेज खुलने के बाद विवि की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. 24 जून को मानसून आने के बाद शिमला, मनाली, धर्मशाला समेत पर्यटन स्थलों के होटल खाली चल रहे थे, लेकिन इस वीकेंड होटलों में 20 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी रही. धूप खिलने और सड़कें बहाल होने के बाद पर्यटक भी आने लगे हैं.
मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे शुरू
कुल्लू से मंडी नेशनल हाईवे भले ही बहाल हो गया हो, लेकिन हणोगी से पंडोह कैंची मोड़ तक सड़क की हालत खराब है. रविवार से सड़क संकरी होने के कारण वनवे यातायात की व्यवस्था की गई है. प्रदेश में मुख्य सड़कें बहाल हैं, हालांकि, अभी भी 281 संपर्क मार्ग बाधित चल रहे हैं.
177 पेजयल योजनाओं को भी जल्द बहाल करने की तैयारी है. रक्षाबंधन का त्योहार भी बाजारों में रौनक लेकर आया है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार हिमाचल प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी. सोमवार को एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश का येलो अलर्ट है. इसके अलावा पूरे प्रदेश में 3 सितंबर तक मौसम शुष्क बना रहेगा.
वायुसेना ने 11,000 किलो राहत सामग्री पहुंचाई
वायु सेना के पश्चिमी कमांड के मुख्यालय के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित और दुर्गम क्षेत्रों में अब तक 11,000 किलोग्राम राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है. दो गर्भवती महिलाओं समेत चार मरीजों को सुरक्षित अस्पतालों तक पहुंचाया गया है. वायु सेना का यह अभियान लोगों के लिए मददगार बन रहा है. सेना का हेलिकाप्टर अभी भी मंडी में डटा हुआ है.