Manipur: लोकसभा ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की पुष्टि करते हुए एक वैधानिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पार्टी लाइन से परे सभी सदस्यों ने इस निर्णय का समर्थन किया, लेकिन राज्य की स्थिति के लिए केंद्र की आलोचना की।
चार महीनों में मणिपुर में कोई हिंसा नहीं हुई है : शाह
एक संक्षिप्त बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने अशांत पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों में मणिपुर में कोई हिंसा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के साथ बातचीत चल रही है।
लोकसभा ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की पुष्टि करते हुए एक वैधानिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पार्टी लाइन से परे सभी सदस्यों ने इस निर्णय का समर्थन किया, लेकिन राज्य की स्थिति के लिए केंद्र की आलोचना की।
सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है : शाह
कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण है। जब तक लोग शिविरों में हैं, मैं यह नहीं कहूंगा कि स्थिति संतोषजनक है। सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा राज्य के हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई थी। उन्होंने कहाजिस दिन आदेश आया, हमने केंद्रीय बलों को हवाई मार्ग से भेजा। हमारी ओर से (कार्रवाई करने में) कोई देरी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि मई 2023 में शुरू हुई हिंसा में अब तक 260 लोग मारे गए हैं और उनमें से 80 प्रतिशत ने पहले महीने में ही अपनी जान गंवा दी। शाह ने कहा कि वह पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुई हिंसा की तुलना नहीं करना चाहते, बल्कि सदन को 1990 के दशक में पांच वर्षों में नागा और कुकी समुदायों के बीच हुई झड़पों के बारे में बताना चाहते हैं। एक दशक तक छिटपुट हिंसा जारी रही जिसमें 750 लोगों की जान चली गई। 1997-98 में कुकी-पाइते में झड़पें हुई थीं, जिसमें 352 लोग मारे गए थे। 1990 के दशक में मैतेई-पंगल में झड़पों में 100 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। न तो तत्कालीन प्रधानमंत्री और न ही तत्कालीन गृह मंत्री ने मणिपुर का दौरा किया।
गृह मंत्री ने कहा कि ऐसी धारणा बनाई गई है कि हिंसा सिर्फ़ भाजपा के शासन के दौरान ही भड़की, जो सही नहीं है।
उग्रवाद को खत्म करें : शशि थरूर
इससे पहले, बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी प्रस्ताव का समर्थन करती है, लेकिन राज्य में शांति और स्थिरता की बहाली चाहती है।
उन्होंने कहा उग्रवाद को खत्म करें, शांति और स्थिरता बहाल करें, एक-दूसरे के साथ बातचीत को बढ़ावा दें, समावेशिता को बढ़ावा दें।