नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (28 सितंबर) अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 126वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वे हर भारतीय के लिए, खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।
पीएम मोदी ने कहा,
“देश के लिए फांसी का फंदा गले लगाने से पहले भगत सिंह जी ने अंग्रेजों को एक पत्र भी लिखा था। उसमें उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप मुझे और मेरे साथियों को युद्धबंदी की तरह मानें। इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं बल्कि सीधे गोली मारकर ली जानी चाहिए। अमर शहीद भगत सिंह हर भारतीय, खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।”
लता मंगेशकर को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भी उनकी जयंती पर याद किया। उन्होंने कहा कि उनके गीत हर इंसानी भावनाओं को छूते हैं और उनके गाए देशभक्ति गीतों का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा।
पीएम मोदी ने कहा,
“आज लता मंगेशकर जी की जयंती भी है। उनके गाए गीत हर भावनाओं को स्पर्श करते हैं। देशभक्ति गीतों ने लोगों को प्रेरित किया। उनका भारतीय संस्कृति से गहरा संबंध था। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरा उनके साथ स्नेह का नाता हमेशा बना रहा। वे हर साल मुझे राखी भेजती थीं। मैंने उन्हें बताया था कि मुझे उनका गाया गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत प्रिय है, जिसे सुधीर फड़के जी ने संगीतबद्ध किया था।”
नौसेना की महिला अधिकारियों का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों – लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों बहादुर अधिकारियों ने नविका सागर परिक्रमा के दौरान साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
छठ पर्व को UNESCO सूची में शामिल करने की पहल
पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार छठ महापर्व को UNESCO की Intangible Cultural Heritage List में शामिल करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि छठ पर्व सूर्य देव को समर्पित है, जिसमें भक्त अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा,
“मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत सरकार छठ महापर्व को UNESCO की सूची में शामिल करने की कोशिश कर रही है। जब छठ महापर्व इसमें शामिल होगा, तो दुनिया के कोने-कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता को अनुभव कर सकेंगे।”
उन्होंने आगे कहा,
“हमारे त्योहार भारत की संस्कृति को जीवित रखते हैं। छठ पूजा एक पवित्र पर्व है जो दीपावली के बाद आता है। यह सूर्य देव को समर्पित है और इसकी भव्यता अब पूरी दुनिया में फैल रही है। पहले यह स्थानीय परंपरा थी, लेकिन अब यह वैश्विक उत्सव बन रहा है।”
पीएम मोदी ने यह भी याद दिलाया कि पहले की तरह सरकार के प्रयासों से कोलकाता की दुर्गा पूजा भी UNESCO की इस सूची में शामिल हुई थी।
गांधी जयंती पर खादी खरीदने की अपील
प्रधानमंत्री ने लोगों से 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) पर खादी उत्पाद खरीदने की अपील की। उन्होंने कहा,
“गांधी जी ने हमेशा स्वदेशी पर जोर दिया और खादी को प्राथमिकता दी। आजादी के बाद खादी का आकर्षण कम हो गया था, लेकिन पिछले 11 वर्षों में देशवासियों का खादी के प्रति आकर्षण काफी बढ़ा है। खादी की बिक्री में भी भारी वृद्धि हुई है। मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि 2 अक्टूबर को खादी का कोई न कोई उत्पाद जरूर खरीदें और गर्व से कहें – यह स्वदेशी है। इसे सोशल मीडिया पर #VocalForLocal के साथ साझा भी करें।”
पीएम मोदी ने बताया कि आज हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट सेक्टर में भी बड़े बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु के Yaazh Naturals और झारखंड के Johargram Brand का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे परंपरा और नवाचार को जोड़कर रोजगार और सांस्कृतिक पहचान दोनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आरएसएस के 100 साल पर पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर भी संगठन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा जितनी अद्भुत है, उतनी ही प्रेरणादायी भी।
पीएम मोदी ने कहा कि इस विजयदशमी का एक और विशेष कारण है – इस दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। सौ साल पहले जब संघ की स्थापना हुई थी, तब देश सदियों की गुलामी से जूझ रहा था। हमारी आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भावना आहत थी। लेकिन संघ ने त्याग, सेवा और अनुशासन की शिक्षा को अपनी शक्ति बनाया। आज संघ निस्वार्थ भाव से राष्ट्र सेवा में निरंतर लगा हुआ है। यही कारण है कि जब भी देश में कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो सबसे पहले संघ के स्वयंसेवक मदद के लिए पहुंचते हैं। संघ का ‘Nation First’ का भाव हर कार्य और हर प्रयास में सर्वोपरि रहता है। मैं हर स्वयंसेवक को शुभकामनाएँ देता हूँ जो राष्ट्र सेवा के इस महान यज्ञ में समर्पित है।”