मंडी(धर्मपुर). पिछले चार महीने से मनरेगा में काम कर रहे प्रदेश के 1081 तकनीकी सहायकों को वेतन नहीं दिया गया है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत मैटीरियल कंपोनेंट के तहत राज्य सरकार को धनराशि जारी नहीं की है. जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है.
पंचायतों का काम भी रुका
वेतन न मिल पाने से धर्मपुर के मनरेगा तकनीकी कर्मचारी खासे परेशान हैं. उनका कहना है कि अब दुकानदार उधार का राशन देने से भी मना कर रहे हैं. कर्मचारी कह रहे हैं कि उनके बच्चे पढ़ रहे हैं, घर का खर्च कहां से लाएं. वेतन न मिल पाने के बावजूद लगातार कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं मनरेगा के तहत पंचायतों को आने वाला सीमेंट भी नहीं आ रहा है. जिसके कारण पंचायतों में विकास कार्य भी पूरी तरह से ठप पड़ गये है और मनरेगा मजदूरों को भी काम नहीं मिल रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक
जब इस बारे में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक आर. सेलवम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस समस्या का कारण केन्द्र सरकार से मैटीरियल कंपोनेंट के तहत पैसा नहीं आना है. उन्होंने कहा कि तकनीकी सहायकों को वेतन इसी माध्यम से जारी होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले को सरकार के सामने उठाया गया है और तीन करोड़ रुपये मागें गए हैं. अगर सरकार पैसा जारी करती है तो वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा.