नई दिल्ली. मुंबई में मराठा क्रांति मोर्चा की प्रस्तावित रैली जीजामाता उद्यान से निकल चुकी है. ‘मूक रैली’ में लाखों की संख्या में मराठा समुदाय शामिल हुए हैं. शामिल लोगों में महिलाओं की भी अच्छी संख्या है. मूक रैली के समर्थन में मुंबई के ‘डिब्बे वाले’ भी अपना काम बंद कर दिया है.
मराठा समुदाय नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण मांग रही है. इसके साथ ही वे पिछले साल अहमदनगर के कोपर्डी में नाबालिग के गैंगरेप और मर्डर के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं. मराठी समुदाय चाहती है कि ‘दलित उत्पीड़न रोकथाम कानून’ में बदलाव की जाए.
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— मराठा क्रांति मोर्चा (@MarathaMuktiMor) August 9, 2017
मार्च के आयोजक ‘मराठा क्रांति मोर्चा’ का दावा सच दिख रहा है. रैली की वजह से मुंबई की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गयी है. आयोजकों ने दावा किया था कि इस आंदोलन में पूरे महाराष्ट्र से 6 लाख से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं. भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए 10 हजार पुलिस बलों को तैनात किया गया है. इसके साथ ही बेहतर निगरानी के लिए ड्रोन भी लगाये गए हैं.
रैली की वजह से मुंबई शहर के स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है. दक्षिण मुंबई के सायना, महिम, दादरा और मायखली इलाके के स्कूलों को बंद करने की घोषणा विधानसभा में पहले ही की जा चुकी है. रैली शाम के 4 बजे मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचेगी.
एक नाबालिक के गैंगरेप और हत्या के बाद मराठा समुदाय लगातार शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं
पिछले साल अहमदनगर के कोपर्डी में नाबालिक लड़की का गैंग रेप के बाद हत्या कर दी गयी थी. पीड़ित लड़की मराठा समुदाय से थी. जबकि आरोपी दलित वर्ग से आता था. इसके बाद 9 अगस्त को औरंगाबाद से पहली बार ‘मूक रैली’ निकाली गयी थी. तब से लेकर अबतक विभिन्न जिलों में 57 रैली निकाली जा चुकी है. यह 58 वीं बार है जब मराठा समुदाय ‘मूक रैली’ निकाल रहे हैं. अबतक सभी रैली शांतिपूर्ण और अहिंसक रही है. रैली में भाग लेने वाले लोग बाकी रैलियों के उलट नारेबाजी नहीं करते हैं. यह रैली न तो किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखती है न ही अबतक रैली का कोई चेहरा सामने आया है.