नई दिल्ली. UNESCO ने भारत की ऐतिहासिक धरोहरों को एक और गौरव प्रदान किया है। ‘Maratha Military Landscape’ को World Heritage List में शामिल किया गया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति और परंपरा के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। पीएम मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इसे हर भारतीय के लिए “गर्व का पल” कहा और मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, सुशासन, सांस्कृतिक वैभव और अन्याय के खिलाफ संघर्ष को सलाम किया।
कौन-कौन से किले शामिल हैं?
इस हेरिटेज टैग में कुल 12 ऐतिहासिक किलों को शामिल किया गया है, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में स्थित है। ये सभी किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच बने थे और इनका निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित सामरिक सोच और स्थापत्य कुशलता का परिचायक है। इन किलों में शामिल हैं:
सलहेर
शिवनेरी
लोहगढ़
खंडेरी
रायगढ़
राजगढ़
प्रतापगढ़
सुवर्णदुर्ग
पनहाला
विजयदुर्ग
सिंधुदुर्ग
तमिलनाडु का जिंजी किला
भारत में अब कुल 44 UNESCO World Heritage Sites
इन किलों को विश्व धरोहर में शामिल किए जाने के बाद भारत के पास अब कुल 44 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हो गई हैं, जो देश की cultural power और heritage tourism की अपार संभावनाओं को दर्शाता है।
नामांकन प्रक्रिया थी बेहद चुनौतीपूर्ण
यह मान्यता पेरिस में आयोजित UNESCO की World Heritage Committee (WHC) के 47वें सत्र के दौरान दी गई। 18 महीने की लंबी समीक्षा प्रक्रिया में ICOMOS (International Council on Monuments and Sites) द्वारा स्थलीय मूल्यांकन और तकनीकी सलाह भी शामिल थी।
UNESCO में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा ने इस मौके पर कहा, “यह भारत और दुनियाभर के मराठी समुदाय के लिए ऐतिहासिक दिन है।” उन्होंने यह उपलब्धि छत्रपति शिवाजी महाराज की दृष्टि और टीम वर्क को समर्पित की।
संस्कृति मंत्रालय ने बताया भारत की सैन्य विरासत का सम्मान
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने इस उपलब्धि को भारतीय सांस्कृतिक निरंतरता, सैन्य इंजीनियरिंग और क्षेत्रीय पहचान की वैश्विक स्वीकृति बताया। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत की civilizational legacy को नई ऊंचाई मिल रही है।
क्यों खास हैं Maratha Forts?
इन किलों की वास्तुकला और स्थिति ऐसी है जो न सिर्फ military defense strategy बल्कि ecological harmony और architectural brilliance को भी दर्शाती है। ये किले न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि भारत की glorious history और resilience की कहानी भी बयां करते हैं।