अनशन के नौवें दिन मेधा पाटकर की हालत बिगड़ गयी है. मेधा पाटकर नर्मदा घाटी के विस्थापितों के लिए पुर्नवास की मांग कर रही हैं. वे 11 अन्य लोगों के साथ मध्यप्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में पिछले नौ दिनों से अनशन कर रही हैं. इस बीच उन्होनें डाक्टर के अनुरोध को भी ठुकराते हुए दवा लेने से इनकार कर दिया है.
वे गुजरात सरकार के द्वारा सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने का विरोध कर रही हैं. बांध की ऊंचाई के बढ़ने से नर्मदा घाटी के 192 गांव के लगभग 40 हजार परिवार के उजरने का खतरा बन गया है. मालूम हो कि सर्वेच्च न्यायालय में आठ अगस्त को इस मामले को लेकर सुनवाई होने वाली है. इसके बाद सरकार अपना रुख स्पष्ट कर सकती है.
मेधा पाटकर 27 जुलाई से अनिश्चितकालिन अनशन कर रही है. गुरूवार को सीपीआई के महासचिव डी राजा ने अनशन तोड़ने का अनुरोध किया था और इस मामले को संसद में उठाने की बात कही थी.
इधर सरदार सरोवर बांध का गेट लगने से नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. इससे नर्मदा घाटी के सैकड़ों गांवों में पानी भरने लगा है. प्रशासन ने राहत के उपाय करने का दावा किया है. जबकि नर्मदा बचाओ आांदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने निसरपुर जनपद कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए बातचीत करने की मांग की है.